Benjamin Netanyahu: इजरायल के पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में दिखाए दुनिया के 2 नक्शे, भारत को बताया ‘दुनिया के लिए वरदान’
गाजा संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly 2024) में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) का पहला संबोधन हुआ। लेबनान के साथ जारी सैन्य संघर्ष के बीच पूरी दुनिया की नजर उनके भाषण पर थी। नेतन्याहू ने एक बार फिर दुनिया को बताया कि शांति कायम करने में भारत की भी भूमिका अहम है।
HIGHLIGHTS
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में नेतन्याहू का संबोधन
- ईरान को दी धमकी, बताया युद्ध का जिम्मेदार
- वेस्ट बैंक – गाजा को दिखाया इजरायल का हिस्सा
एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र (UN General Assembly 2024)। लेबनान के साथ चल रहे युद्ध के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण दिया। अपने संबोधन के दौरान बेंजामिन नेतन्याहू ने दो नक्शे दिखाए।
नेतन्याहू के दाहिने हाथ के जो नक्शा था, उसमें ईरान, इराक, सीरिया और यमन को काले रंग में दिखाया गया और उन्हें ‘द कर्स’ करार दिया गया। मतलब नेतन्याहू की नजर में ये देश दुनिया के लिए श्राप हैं।
वहीं, उनके दूसरे हाथ में जो नक्शा था, उसमें मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत को हरे रंग में चित्रित किया गया था। नेतन्याहू ने कहा कि ये देश दुनिया के लिए वरदान हैं।
वेस्ट बैंक और गाजा को भी दिखाया इजरायल का हिस्सा
- नेतन्याहू ने दुनिया का जो नक्शा दिखाया, उसमें फिलिस्तीन के हिस्से वाले वेस्ट बैंक और गाजा को भी इजरायल का हिस्सा बताया गया। साथ ही सीरिया में गोलान हाइट्स क्षेत्र को भी इजरायल का हिस्सा दिखाया गया।
- इजरायल ने अभी हिजबुल्ला के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान छेड़ रखा है। लेबनान में हिजबुल्ला के ठिकानों पर लगातार सर्जिकल स्ट्राइक की जा रही है। लेबनान में एक हफ्ते में 700 लोगों की जान जा चुकी है।
- बता दें, अन्य राष्ट्राध्यक्ष जहां संयुक्त राष्ट्र महासभा में सामान्य भाषण देते हैं, वहीं नेतन्याहू पहले भी अपनी बात को दमदारी से रखने के लिए इस तरह के प्रयोग कर चुके हैं।
- नेतन्याहू ने क्षेत्र में फैली अशांति के लिए पूरी तरह से ईरान को दोषी ठहराया। साथ ही मिस्र, सूडान और सऊदी अरब की तारीफ करना पड़ोसी अरब देशों के साथ बढ़ते संबंधों पर जोर देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
ईरान पर दुनिया की नजर, बढ़ सकता है तनाव
इस बीच, दुनिया की नजर ईरान पर है। यदि ईरान, इजरायल के हमले का जवाब देता है, तो और तनाव बढ़ जाएगा। नेतन्याहू ने अपने संबोधन में ईरान को चेतावनी भी दी।
बता दें, इस पूरा विवाद की शुरुआत पिछले साल 7 अक्टूबर से हुई थी। तब हमास ने इजरायल ने बड़ा हमला किया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल पर हमास के हमले की निंदा करने वाले पहले विश्व नेताओं में से एक थे।
वहीं, संघर्ष बढ़ा, तो भारत ने पूर्ण युद्धविराम का भी आह्वान किया है और इजराइल- फिलिस्तीन संघर्ष के लिए ‘दो-राज्य समाधान’ पर जोर किया।