क्या Dengue Fever में गिलोय, पपीता के पत्ते व बकरी का दूध लेना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें
बरसात के मौसम में डेंगू जैसी बीमारियों से बचाव जरूरी है। डेंगू के इलाज के लिए लोग पपीते के पत्ते, गिलोय, और बकरी के दूध जैसे घरेलू नुस्खे आजमाते हैं। पपीते के पत्ते प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की देखरेख में ही इस्तेमाल करना चाहिए।
HighLights
- बारिश के मौसम में मच्छरों से बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
- इन बीमारियों से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे लोग अपनाते हैं।
- पपीते के पत्ते का इस्तेमाल मतली की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। बारिश का मौसम ज्यादातर लोगों को पसंद होता है, लेकिन ये मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। इसमें मच्छरों से होने वाली बीमारियां बहुत होती हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों का जागरुक होना बहुत जरूरी है। हालांकि, डेंगू के लिए कई लोग तरह-तरह के घरेलू नुस्खे आजमाकर निजात पाने की कोशिश करते हैं। इनमें पपीते के पत्ते, गिलोय और बकरी का दूध भी शामिल हैं। यह करना कितना सुरक्षित हैं, आज हम इसी के बार में जानने वाले हैं।
पपीते के पत्ते
डॉक्टर के मुताबिक डेंगू होने पर पपीते के पत्ते से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन इसे डॉक्टर की देखरेख में ही करना चाहिए। डेंगू होने पर प्लेटलेट कम हो जाती है, जिसे बढ़ाने में पपीते के पत्ते मददगार साबित हो सकते हैं। पपीते के पत्तियों में पपेन और फ्लेवोनोइड्स मौजूद होता है, जो इम्युनिटी और प्लेटलेट बढ़ाने में मददगार हो सकता है। हालांकि, इसके इस्तेमाल से मतली जैसी कई समस्या भी हो सकती हैं।
बकरी का दूध
बकरी के दूध में सेलेनियम जैसे मिनरल पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद कर सकता है। गाय के दूध की तुलना में बकरी का दूध आसानी से पच जाता है, इसलिए इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, डेंगू में इसका इस्तेमाल करना जरूरी नहीं माना जाता है।
गिलोय
डॉक्टर के मुताबिक गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करती है। माना जाता है कि गिलोय खून साफ करने के साथ बुखार कम करने में भी मदद करता है। हालांकि, इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से शरीर में कई नुकसान भी हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।