Kidney Disease: सभी आयु वर्ग में बढ़ता जा रहा है किडनी रोग, क्या है वजह और बचाव के उपाय
यह बात डीएम- नेफ्रोलाजी, किडनी रोग एवं ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ(एमजीएम मेडिकल कालेज) डा. ईशा तिवारी अरोड़ा ने कहीं।
HIGHLIGHTS
- किडनी की बीमारी से बचाव के लिए पानी अधिक मात्रा में पीएं, साफ पानी पीएं, पेकिंग फूड खाने से बचें।
- साथ ही जोड़ो में लंबे समय तक दर्द और हाथ-पैर में सूजन है तो उसे सामान्य दर्द नहीं समझना चाहिए।
- इसके अलावा धूप में चमड़ी पर रेशे आना, बार-बार पथरी हो जाना भी किडनी रोग के लक्षण है।
इंदौर जीवनशैली और खानपान के बदलाव के कारण किडनी रोग सभी आयु वर्ग में बढ़ता जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी लोग इसे लेकर जागरूक नजर नहीं आ रहे हैं। अभी भी लोग अपने बढ़े हुए क्रिएटिन को सामान्य ही मानते हैं। इस पर समय पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो यह एक समय के बाद किडनी फेल्यूर का सबसे बड़ा कारण होता है। इसलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।
किडनी की बीमारी से बचाव के लिए पानी अधिक मात्रा में पीएं, साफ पानी पीएं, पेकिंग फूड खाने से बचे, मोटापे पर नियंत्रण, कोल्ड्रिंक के सेवन से बचे आदि। साथ ही जोड़ो में लंबे समय तक दर्द और हाथ-पैर में सूजन है तो उसे सामान्य दर्द नहीं समझना चाहिए।
इसके अलावा धूप में चमड़ी पर रेशे आना, बार-बार पथरी हो जाना भी किडनी रोग के लक्षण है। एक बार जांच करवा लेना चाहिए। 40 से अधिक उम्र के सभी लोगों को अपनी ब्लड प्रेशर, शुगर, क्रिएटिन आदि की जांच करवाना चाहिए, ताकि बीमारियों का जल्दी पता चल सके और समय पर इलाज शुरू हो सके।
यह बात डीएम- नेफ्रोलाजी, किडनी रोग एवं ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ(एमजीएम मेडिकल कालेज) डा. ईशा तिवारी अरोड़ा ने कहीं। वे बुधवार को नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में किडनी रोग की समस्याएं और समाधान पर पाठकों के सवालों के जवाब दे रही थी। डा. अरोड़ा ने बताया कि स्मोकिंग भी किडनी को प्रभावित करती है। वहीं बच्चे के जन्म के पहले ही हमें पता कर लेना चाहिए कि उसे क्या परेशानी है।
यह भी कहा डाक्टर ने
– दाल, सोयाबीन का करें सेवन।
– लाल मास खाने से बचे।
– ट्रांसप्लांट से बचना होतो समय पर करवाए इलाज।
– जिन लोगों के परिवार में बीमारी वह रखें विशेष ध्यान।
– दर्द निवारक दवाई विशेषज्ञों की सलाह से ही लें।
सवाल- किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाए और क्या नहीं ?
– राजेश अग्रवाल, देवास
जवाब- किडनी में खानपान ही हमारी दवाई है। इसके लिए हमें खाने का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। खाने में नमक की मात्रा कम होना चाहिए। पापड़, अचार, नमकीन आदि का सेवन भी कम करना चाहिए। जंक फूड का सेवन भी कम करना चाहिए।
सवाल- किडनी रोग 45-50 उम्र में ज्यादा होता है। पुरूषों में ज्यादा क्यों होता है ?
– अनिल कुछालिया, गुमास्ता नगर
जवाब- किडनी रोग एक माह के बच्चे से लेकर किसी भी उम्र में हो सकता है। जिन लोगों को डायबीटिज और ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनमें किडनी रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में इन लोगों को विशेष तौर पर सावधानियां रखना चाहिए।
सवाल- गले से लेकर पेट तक पिछले दो माह से जलन हो रही है, गैस की समस्या भी है। अभी आयुर्वेदिक दवाइयां ले रहा हूं।
– कृष्ण कुमार सोनी, इंदौर
जवाब- पेट रोग से जुड़ी कोई भी दवाई का यदि सेवन कर रहे हैं तो इसमें विशेषज्ञों की सलाह जरूरत लेना चाहिए। वहीं समस्या के लिए एक बार पेट रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाना चाहिए।
सवाल- मेरे बेटे को किडनी में छाले हो गए थे, कुछ समय से परेशानी वापस बढ़ गई है। क्या करें?
– राजकुमार सैन, ओल्ड पलासिया
जवाब- इसके लिए हमें जांच करवाना होगी कि किस लेवल में छाले आ गए है। ऐसे में लापरवाही ना बरतते हुए जल्दी विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए।
सवाल- मेरे पिता की 75 वर्ष उम्र है। हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाते हैं। लेकिन उन्हें अब इंफेक्शन हो गया है, जिसके कारण यूरिन बहुत कम आता है। क्या करें?
– पंकज परियाणी, इंदौर
जवाब- यदि डायलिसिस शुरू होता है तो यूरिन कम होना सामान्य है। यदि यूरिन आ ही नहीं रहा है तो हफ्ते में दो की जगह तीन बार डायलिसिस करवाना चाहिए। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें और एक बार वापस से जांच करवाना चाहिए।