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Glomerulonephritis: किडनी की इस गंभीर बीमारी का संकेत देते हैं शरीर में ये बदलाव, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में एक हैं। किडनी की बीमारी के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। कुछ मामलों में तो किडनी ट्रांसप्‍लांट तक की नौबत आ सकती है। यहां आपको बताते हैं किडनी की बीमारी के क्या लक्षण हैं इससे कैसे बचा जा सकता है।

HIGHLIGHTS

  1. ग्लोमेरुलस में सूजन से होता है ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
  2. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस बीमारी में यूरिन में जाता है खून
  3. समय पर इलाज से गंभीर परिणाम से बचा जा सकता है

Glomerulonephritis हेल्‍थ डेस्‍क, इंदौर। लोगों में आमतौर पर किडनी की बीमारियों के प्रति एक उदासीनता रहती है कि वे स्वतः ही ठीक हो जाएंगी। सही समय पर बढ़े हुए क्रिएटिनिन, हाई बीपी या यूरिन से अल्बुमिन के रिसाव को पहचान कर इलाज न किया जाए तो ये बीमारियां गंभीर हो जाती हैं। इसलिए लापरवाही न बरतते हुए समय पर इलाज लेना चाहिए।

किडनी के अंदर छोटे-छोटे फिल्टर लगे होते हैं जिन्हें नेफ्रोन कहा जाता है। इन नेफ्रोन के अंदर रक्त केशिकाओं (कैपिलरीज) का जंजाल होता है, जिससे ब्लड की सफाई होती है और सारी गंदगी और अतिरिक्त पानी सूक्ष्म नलिकाओं या ट्यूब्स में छन के आ जाता है।

ये नलिकाएं सहायक की तरह मिलकर यूरेटर में खाली होती हैं और यहां से यूरिन ब्लेडर में इकट्ठा हो जाती है। जब इन ग्लोमेरुलस में किसी भी कारण से सूजन आ जाती है, उसे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस कहा जाता है।

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कई प्रकार के होते हैं ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस

इस बीमारी में यूरिन में रक्त जा सकता है। एल्ब्यूमिन का रिसाव बढ़ सकता है और सफाई ठीक से नहीं हो पाने पर ब्लड में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ सकता है। नवजात शिशु से लेकर वयोवृद्ध व्यक्ति तक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस कई प्रकार के होते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि सही समय पर पहचान से इन बीमारियों का इलाज संभव है।

ये हैं ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षण

  • शरीर के किसी भी अंग पर सूजन आना
  • पेशाब में झाग या लालपन नजर आना
  • यूरिन की मात्रा कम होना

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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