‘उद्धव ठाकरे के साथ हुआ विश्वासघात’…, राम मंदिर के उद्घाटन पर सवाल उठाने वाले शंकराचार्य बोले- महाराष्ट्र में हुआ जनादेश का अपमान"/>

‘उद्धव ठाकरे के साथ हुआ विश्वासघात’…, राम मंदिर के उद्घाटन पर सवाल उठाने वाले शंकराचार्य बोले- महाराष्ट्र में हुआ जनादेश का अपमान

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद खुलकर उनके साथ दिखाई दिए। उन्होंने उद्धव ठाकरे की पार्टी में फूट को विश्वासघात से जोड़ा। उन्होंने कहा कि विश्वासघात करने वाले कभी हिंदू नहीं हो सकते हैं। सरकार को तोड़ना जनादेश का अपमान हैं।

HIGHLIGHTS

  1. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात।
  2. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने पीएम मोदी को लेकर की टिप्पणी।
  3. ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य ने दिल्ली में केदारनाथ के होने का किया विरोध।

एएनआई, मुंबई। Jyotimath Shankaracharya Meet Uddhav Thackeray: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। जनता के जनादेश का अपमान करने वाले हिंदू नहीं हो सकते हैं।

पीएम मोदी से अपनी मुलाकात पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हां, वह (पीएम मोदी) मेरे पास आए और प्रणाम किया। यह हमारा नियम है कि जो भी हमारे पास आएगा हम उसे आशीर्वाद देंगे। नरेंद्र मोदी जी हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम उनके शुभचिंतक हैं और हमेशा उनकी भलाई के लिए बोलते हैं। अगर, वो कोई गलती करते हैं तो हम उन्हें बताते भी हैं।
 

शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हम सभी सनातन धर्म के अनुयायी हैं। हमारे पास ‘पाप’ और ‘पुण्य’ की एक परिभाषा है। सबसे बड़ा पाप विश्वासघात है। उद्धव ठाकरे को धोखा दिया गया है। मैंने उनसे (उद्धव ठाकरे से) कहा कि उन्हें विश्वासघात झेलना पड़ा, इससे हम सभी दुखी हैं। यह करने वाला हिंदू नहीं हो सकता।

महाराष्ट्र की जनता चुनाव परिणाम के अपमान से आहत है। यह चुनाव में दिखा भी है। यह उन लोगों का भी अपमान है, जो अपना नेता चुनते हैं। बीच में सरकार तोड़ना और जनादेश का अपमान करना गलत है।

दिल्ली में नहीं बन सकता है केदारनाथ

दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आरोप है कि प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं हो सकता है। शिवपुराण में नाम और स्थान के साथ 12 ज्योतिर्लिंगों का जिक्र है। केदारनाथ का पता हिमालय है। यह दिल्ली में कैसे हो सकता है?

केदारनाथ में हुआ घोटाला

उन्होंने कहा कि इसके पीछे राजनीतिक कारण है। राजनीतिक लोग हमारे धार्मिक स्थलों में प्रवेश कर रहे हैं। केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, ऐसा करने के बाद उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता है? अब दिल्ली में केदारनाथ बनाकर एक और घोटाला किया जाएगा। केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है। कोई जांच शुरू नहीं हुई, इसका जिम्मेदार कौन है?

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