मंदिर जाने से मिलती है मानसिक शांति, लेकिन कभी न करें इन नियमों की अनदेखी
नई दिल्ली. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-पाठ को बहुत महत्व दिया गया है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। वहीं घर में पूजा-पाठ करने के अलावा मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन और प्रार्थना को भी बहुत लाभदायी माना जाता है। लेकिन आजकल बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण घर पर ही पूजा कर लेते हैं लेकिन मंदिर नहीं जाना हो पाता और जाते भी हैं तो किसी विशेष पर्व या त्यौहार पर अथवा किसी मन्नत मांगने।
हालांकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रोजाना मंदिर जाने को बहुत ही लाभकारी माना गया है और जो लोग नियमित मंदिर जाते हैं वे इसके फायदे जरुर जानते होंगे। तो आइए जानते हैं मंदिर जाने के फायदे और इससे जुड़े नियमों के बारे में…
मंदिर जाने के लाभ
मंदिर के धार्मिक और सकारात्मक वातावरण में व्यक्ति एकाग्र होकर ईश्वर की प्रार्थना करता है और जिससे उसके मन को शांति मिलती है। वहीं माना जाता है कि भगवान पर आस्था और विश्वास से मनुष्य के भीतर बड़ी से बड़ी समस्याओं से लड़ने की शक्ति पैदा होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंदिरों में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाती है जिसके कारण मान्यता है कि मूर्तियों में साक्षात भगवान वास करते हैं। इसके अलावा मंदिरों का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार होने तथा मंदिरों में धूप-दीप प्रज्वलन, शंख-घंटियों की ध्वनि से वातावरण की शुद्धि हो जाती है। जिससे मंदिर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ऐसे में मंदिर जाने से आपके भीतर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे आपको मानसिक शांति प्राप्त होती है।
इन नियमों की अनदेखी ना करें- हमारे धार्मिक शास्त्रों में मंदिर जाने के भी कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि मंदिर के भीतर कभी भी बिना स्नान किए और नीले या काले रंग के कपड़े पहनकर जाना शुभ नहीं होता। इसके अलावा मंदिर में प्रवेश करते समय कभी भी खुले सर नहीं जाना चाहिए। पुरुषों को अपने सिर को रुमाल या गमछे से और महिलाओं को दुपट्टे से या साड़ी के पल्लू से ढककर जाना चाहिए।