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International Red Panda Day: तेजी से घट रही रेड पांडा की संख्या, बांस की पत्ती खाने का शौकीन इसलिए संकट में

HIGHLIGHTS

  1. दुनियाभर के पर्यावरणविद व वन्य जीव विशेषज्ञ इन दिनों रेड पांडा की लगातार कम होती संख्या को लेकर काफी चिंतित है।
  2. रेड पांडा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 सितंबर को International Red Panda Day मनाया जाता है।
  3. Red Panda आजकल आपको ज्यादातर किसी चिड़ियाघर या वन्यजीव अभ्यारण्य में ही देखने को मिलता है।

International Red Panda Day 2023। इस धरती के सबसे प्यारे जीवों की बात की जाए, उसमें एक रेड पांडा भी है, जो अपनी मासूमियत के कारण किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। दुनियाभर के पर्यावरणविद व वन्य जीव विशेषज्ञ इन दिनों रेड पांडा की लगातार कम होती संख्या को लेकर काफी चिंतित है। यही कारण है कि इस प्यारे से जीव रेड पांडा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 सितंबर को International Red Panda Day मनाया जाता है।

इसलिए कम हो रहे रेड पांडा

Red Panda आजकल आपको ज्यादातर किसी चिड़ियाघर या वन्यजीव अभ्यारण्य में ही देखने को मिलता है। रेड पांडा दरअसल भालू नहीं होता है। यह अनोखा जानवर प्राकृतिक आवास में ही रहना ज्यादा पसंद करता है, लेकिन प्राकृतिक आवास की घटने और इनके लिए जिस तरह के पारिस्थितिक तंत्र की जरूरत होती है, उसमें लगातार गिरावट आने से कारण Red Panda की संख्या में गिरावट आ रही है।

पूर्वी हिमालय के मूल निवासी हैं Red Panda

Red Panda मूल रूप से पूर्वी हिमालय क्षेत्र के रहवासी है। पूर्वी हिमालय क्षेत्र में रेड पांडा की संख्या में अब काफी गिरावट आ चुकी है। यहां अभी भी उन्हें कुछ इलाकों में घूमते हुए देखा जा सकता है। ये जीव अपना अधिकांश जीवन पेड़ पर सोते हुए ही बिता देते हैं। रात के समय ये विचरण करते हुए पेड़ों की पत्तियों का सेवन करते हैं और दिन का अधिकांश समय सोने में बिता देते हैं।

बांस की पत्तियां खाने के शौकीन

Red Panda बांस की पत्तियां खाने के शौकी होते हैं, लेकिन बीके कुछ सालों में इनके रिहायशी इलाकों में मानव गतिविधियों के बढ़ने और अतिक्रमण के कारण बांस के जंगल साफ हो गए हैं, जिससे रेड पांडा की आबादी में काफी गिरावट आई है। बांस की पत्तियों के अलावा रेड पांडा को फल, बबलू की पत्तियों, पेड़ पौधों की जड़ें व पक्षियों के अंडे खाना भी भी पसंद होता है। रेड पांडा आमतौर पर अकेला रहना पसंद करता है। यह प्राणी बहुत कम झुंड में रहता है। सिर्फ प्रजनन के मौसम में ही उनकी जोड़ी साथ देखी जाती है। रेड पांडा बर्फीली इलाकों में रहना पसंद करता है।

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