भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ी टेंशन, हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार पर विदेश मंत्रालय सख्त; कहा- जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी

बांग्लादेश की स्थिति पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों के मुद्दे को लगातार और मजबूती से उठाया है। अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम चरमपंथी बयानबाजी में वृद्धि से चिंतित हैं। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है।

HIGHLIGHTS

  1. प्रवक्ता ने कहा- भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार है जारी।
  2. विदेश मंत्रालय ने कहा- पाकिस्तान नहीं जाएगी भारतीय टीम।
  3. सुरक्षा चिंताओं के बाद बीसीसीआई ने लिया अहम फैसला।

पीटीआई, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थम नहीं रही है। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ कट्टरपंथियों के हमले और तेज हो गए हैं। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के हालात पर एक बार फिर चिंता व्यक्त की।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों और धमकियों के मुद्दे को लगातार और मजबूती से उठाया है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम उग्रवादी बयानबाजी, हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं से चिंतित हैं।

भारतीय विदेश मंत्रायल ने कहा कि इन घटनाक्रमों को केवल मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाना नहीं माना जा सकता। दरअसल, बांग्लादेश की सरकार ने हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा को भारतीय मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया था।

मंत्रालय ने कहा कि हम एक बार फिर बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आह्वान करते हैं। संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर मंत्रालय ने कहा कि जहां तक ​​व्यक्तियों के खिलाफ मामलों का सवाल है तो हमने पाया है कि कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं।

इस्कॉन एक प्रतिष्ठित संगठन

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस्कॉन को एक विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संगठन के रूप में देखते हैं। इसका सामाजिक सेवा का एक मजबूत रिकॉर्ड है। जहां तक ​​चिन्मय दास की गिरफ्तारी का सवाल है तो हमने इस पर अपना बयान दिया है। कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं। हम आशा करते हैं कि इन प्रक्रियाओं को निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा।

अडानी मामले पर क्या बोला विदेश मंत्रालय

अडानी मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है। इसमें निजी फर्म और व्यक्ति व अमेरिकी न्याय विभाग शामिल हैं। ऐसे मामलों में स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते हैं, जिनका हमें विश्वास है कि पालन किया जाएगा। भारत सरकार को इस मुद्दे के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था। हमने इस मामले पर अमेरिकी सरकार से कोई बातचीत भी नहीं की है।

किसी विदेशी सरकार द्वारा समन/गिरफ्तारी वारंट की तामील के लिए किया गया कोई भी अनुरोध आपसी कानूनी सहायता का हिस्सा है। ऐसे अनुरोधों की योग्यता के आधार पर जांच की जाती है। हमें इस मामले में अमेरिकी पक्ष से कोई अनुरोध नहीं मिला है। यह एक ऐसा मामला है जो निजी संस्थाओं से संबंधित है और भारत सरकार इस समय कानूनी रूप से किसी भी तरह से इसका हिस्सा नहीं है।

पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया

भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीसीसीआई ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वहां सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं और इसलिए यह संभावना नहीं है कि टीम वहां जाएगी।

दोनों देशों के बीच व्यापार जारी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जहां तक ​​बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति का सवाल है तो हमने अपना विरोध बहुत स्पष्ट कर दिया है। हमने बांग्लादेश के साथ यह मामला उठाया है। उन्हें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत से बांग्लादेश को वस्तुओं की आपूर्ति जारी है। दोनों देशों के बीच व्यापार चल रहा है।

 

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