जब मातम में बदला जश्न… 3 दशक में कई बार हुए हादसे
नई दिल्ली. शनिवार रात हैलोवीन पार्टी के दौरान साउथ कोरिया में जश्न मातम में बदल गया। कोरोना की तमाम पाबंदियों के तीन साल बाद लोग सामूहिक जश्न के लिए एकत्र हुए थे। किसी को क्या मालूम यह उनकी जिंदगी की आखिरी रात साबित होगी। प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी मौत का मंजर इतना भयावह था कि लोग सड़क पर तड़प रहे थे और कुछ बेसुध पड़े थे। पुलिस कर्मी उन लोगों को सड़क पर ही सीपीआर दे रहे थे। इस घटना में अभी तक 151 लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। सैकड़ों की संख्या में लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। इससे पहले भी दुनिया में बड़े-बड़े हादसे हुए हैं। भगदड़ में पहले भी सैकड़ों नहीं हजारों की मौत हो चुकी है। चलिए, जानते हैं इससे पहले दुनिया के बड़े हादसों के बारे में…
साउथ कोरियन पुलिस का कहना है कि शनिवार रात हैलोवीन पार्टी की जगह काफी संकरी थी। महज 4 मीटर चौड़ी सड़क पर एक लाख से ज्यादा लोग खड़े थे। भीड़ उस वक्त बेकाबू हो गई जब उन्होंने एक फिल्मी स्टार को देखा। कुछ ही देर में भीड़ में मौजूद लोग एक-दूसरे पर हावी हो गए और फिर भगदड़ मच गई। कुछ ही पलों में जश्न मातम में बदल गया और सैकड़ों लाशें सड़क पर दिखने लगी।
एक बार हज यात्रा में मची भगदड़ में 1426 की मौत
अप्रैल 1989 की बात है। जब ब्रिटेन में लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच इंग्लिश एफए कप सेमीफाइनल मैच चल रहा था। इस दौरान मची भगदड़ में करीब 96 लोगों की मौत हो गई। जुलाई 1990 में सऊदी अरब में बड़ा हादसा हुआ। पवित्र शहर मक्का के पास अल-मुईसेम सुरंग के अंदर हज यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इस दुखद हादसे में 1,426 तीर्थयात्रियों की मौत की पुष्टि हुई थी। चार साल बाद मई 1994 में सऊदी अरब में ही जमारत ब्रिज के पास हज के दौरान मची भगदड़ में 270 लोगों की मौत हो गई थी। फिर अप्रैल 1998 में सऊदी अरब में हज के दौरान मची भगदड़ में 119 मुस्लिम तीर्थयात्रियों की मौत हुई। फरवरी 2004 में सऊदी अरब में एक और हादसा हुआ। जमारात ब्रिज के पास हज के दौरान पत्थरबाजी के दौरान मची भगदड़ में 251 मुस्लिम तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी।
भारत में भी भगदड़ के बाद सैकड़ों की हुई थी मौत
मई 2001 में अफ्रीका के घाना में फुटबॉल मैच के दौरान स्टेडियम में मची भगदड़ में करीब 126 लोग मारे गए थे। जनवरी 2005 में महाराष्ट्र में एक दूरस्थ इलाके में स्थित मंदिर के पास भगदड़ मचने के बाद 265 हिंदू तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। इसी साल अगस्त महीने में इराक में आत्मघाती हमलावर की अफवाह के बाद मची भगदड़ में 1,005 लोगों की मौत हो गई थी। अगस्त 2008 में हिमाचल प्रदेश में स्थित नैना देवी मंदिर में भूस्खलन की अफवाह के बाद तीर्थयात्रियों में भगदड़ मच गई। हादसे में करीब 145 लोग मारे गए थे। सितंबर 2008 में ऐतिहासिक शहर जोधपुर के पास चामुंडा मंदिर में भगदड़ में 147 लोग मारे गए थे।