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बदलते मौसम में बढ़ सकती हैं ये बीमारियां, खानपान समेत इन बातों का रखें ध्यान

पानी का जमाव मच्छरों की संख्या को बढ़ाता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया आदि जैसी बीमारियां होने लगती हैं। मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, पसीना आना और गंभीर एनीमिया जैसे लक्षण नजर आते हैं। बदलते मौसम में सर्दी-जुखाम, वायरल, बुखार के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।

HIGHLIGHTS

  1. बारिश में पानी जमा होने से फैलती हैं बीमारियां
  2. सावधानी न बरती जाए, तो सकती हैं गंभीर बीमारियां
  3. इस दौरान बाहर का खाना न खाने की सलाह दी जाती है

हेल्थ डेस्क, इंदौर। Monsoon Health Tips: मौसम परिवर्तन के कारण बीमारियां बढ़ने लगती है। ऐसे में सभी आयु वर्ग के लोगों को विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। खासकर बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मानसून से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सिल्की मित्तल के मुताबिक, इस मौसम में संक्रमण का खतरा भी अधिक रहता है। वायरल, फ्लू, दस्त, सर्दी-खांसी आदि बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, दूषित पानी पीने के कारण टाइफाइड और पीलिया का खतरा भी रहता है।

खानपान पर विशेष तौर पर ध्यान दें

हर साल पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को फ्लू वैक्सीन अवश्य लगाना चाहिए, ताकि बीमारियों से बचा जा सके। इसके अलावा बच्चों के खानपान में भी स्वजन को विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों में हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए। क्योंकि इससे भी संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि बच्चों की तबीयत खराब है, तो उन्हें स्कूल नहीं भेजना चाहिए। इससे अन्य बच्चे भी बीमार हो सकते हैं।

अधिक मात्रा में पानी पिलाएं

घर में यदि किसी सदस्य की तबीयत खराब है, तो बच्चों को उनके पास नहीं भेजना चाहिए। खानपान में बाहर का जंक फूड बच्चों को नहीं खाने देना चाहिए। इसके बजाय उन्हें घर का पौष्टिक आहार देना चाहिए, यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही हरी सब्जियां बारिश में दूषित हो सकती हैं, इसलिए सावधानी से धोकर खाएं। वहीं, बच्चों को अधिक मात्रा में पानी पिलाना चाहिए। पानी कम पीने से कब्जियत और यूरिन इंफेक्शन का खतरा रहता है।

डिस्क्लेमर

यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

 

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