प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के अंतर को समझें, पढ़ें आखिर क्यों हैं ये सेहत के लिए जरूरी

गट हेल्थ शरीर के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रोबायोटिक्स, जैसे दही और कोंबूचा, अच्छे बैक्टीरिया प्रदान करते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। प्रीबायोटिक्स, जैसे लहसुन और सेब, अच्छे बैक्टीरिया को पोषित करते हैं और गट बैलेंस बनाए रखते हैं।

HighLights

  1. गट हेल्थ शरीर के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. प्रोबायोटिक्स पाचन व इम्यून सिस्टम रखता है ध्यान।
  3. प्रीबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को पोषित करते हैं।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। शरीर की लगभग सभी स्वस्थ कार्यशैली के लिए गट हेल्थ का हेल्दी होना बेहद जरूरी है। प्रोबायोटिक गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो मानव शरीर के गट में एक कम्युनिटी बना लेते हैं और शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं। दही, कोंबूचा, चीज जैसे फूड्स प्रोबायोटिक कहलाते हैं। ये खाने को पचाने में मदद करते हैं।

ये बैड बैक्टीरिया को बढ़ने से और उससे होने वाले संक्रमण से बचाव करते हैं। ये शरीर में विटामिन, मिनरल और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है। ये इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है, जिससे शरीर हेल्दी बना रहता है। आंतों के माइक्रोबियल बैलेंस को भी संतुलित बनाए रखने में ये मदद करता है।

प्रीबायोटिक गुड बैक्टीरिया के खाने के स्रोत होते हैं। जैसे- लहसुन, प्याज, सेब, एस्पेरेगस, केला आदि एक प्रकार के प्री बायोटिक फूड्स हैं। ये ऐसे प्लांट बेस्ड फाइबर होते हैं, जो हेल्थी बैक्टीरिया को बढ़ावा देटा है। ये एक प्रकार के डाइटरी फाइबर की तरह होते हैं, जो गट में मौजूद गुड बैक्टीरिया को फीड करते हैं।

पाचन सुचारू रूप से संचालित होने के लिए, खाने से एनर्जी बनाने के लिए, इम्यूनिटी सपोर्ट के लिए और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए मजबूत गट माइक्रोबायोम का होना बेहद जरूरी है। प्रोबायोटिक और प्रोबायोटिक दोनों ही हेल्दी गट माइक्रोबायोम बनाते हैं।

आइए जानते हैं कि क्यों प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक दोनों ही हैं जरूरी…

बेहतर इम्यूनिटी- ये कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं, जैसे स्किन संबंधी, रेस्पिरेटरी सिस्टम की बीमारियां और डर्मेटाइटिस जैसी बीमारियों से बचाव करता है।

बेहतर गट हेल्थ- प्रोबायोटिक डायरिया, कब्ज, IBS, कोलाइटिस और इन्फेक्शन से बचाव करता है। एक स्टडी के अनुसार प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक दोनों ही कोलोरेक्टल कैंसर से भी बचाव करने में सहायक होते हैं।

बेहतर एब्सॉर्पशन- प्रोबायोटिक कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन के एब्सॉर्पशन में मदद करता है। वहीं प्रोबायोटिक विटामिन बी12, कैल्शियम, फोलेट, आयरन और जिंक के एब्सॉर्पशन में मदद करता है।

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