जानें क्या होता है PET Scan, इस मेडिकल जांच के लिए ही केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी है राहत"/>

जानें क्या होता है PET Scan, इस मेडिकल जांच के लिए ही केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी है राहत

टेस्ट के दौरान मरीज को काफी कम मात्रा में एक शॉर्ट-एक्टिंग रेडियोएक्टिव लिक्विड का इंजेक्शन दिया जाएगा, जिसे ‘ट्रेसर’ के रूप में जाना जाता है।

HIGHLIGHTS

  1. PET Scan (पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन) एक इमेजिंग टेस्ट है।
  2. यह टेस्ट कई तरह की बीमारियों का पता करने के लिए किया जाता है।
  3. इस टेस्ट के जरिए शरीर के किसी अंग में ट्यूमर का आसानी से पता लगाया जा सकता हैृ।

हेल्थ डेस्क, इंदौर। दिल्ली के मुख्यमंत्री और और शराब घोटाले के आरोपी अरविंद केजरीवाल ने अब स्वास्थ्य जांच का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग की है। आम आदमी पार्टी की ओर से भी जानकारी दी गई है कि अरविंद केजरीवाल को PET Scan सहित कई जरूरी स्वास्थ्य जांच करना है। इंदौर के प्रख्यात पैथोलॉजिस्ट डॉ. सुशील सोहनी यहां PET Scan के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। जानें PET Scan किन स्थिति में किया जाता है और यह टेस्ट क्यों किया जाता है।

जानें क्या है PET Scan टेस्ट

डॉ. सुशील सोहनी के मुताबिक, PET Scan (पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन) एक इमेजिंग टेस्ट है, जो कई तरह की बीमारियों का पता करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए शरीर के किसी अंग में ट्यूमर का आसानी से पता लगाया जा सकता हैृ। इसके अलावा हृदय रोग, मस्तिष्क विकारों के बारे में भी इस टेस्ट के जरिए जानकारी मिलती है।

naidunia_image

कैसे काम करता है PET Scan

इस टेस्ट के दौरान मरीज को काफी कम मात्रा में एक शॉर्ट-एक्टिंग रेडियोएक्टिव लिक्विड का इंजेक्शन दिया जाएगा, जिसे ‘ट्रेसर’ के रूप में जाना जाता है। इसमें FDG (फ्लोरोडीऑक्सीग्लूकोज) होता है, जो एक सरल शुगर होती है। इस इंजेक्शन के बाद रेडियोलेबल ग्लूकोज शरीर को तेजी से ऊर्जा देता है, जिसे स्कैनर के जरिए देखा जाता है। शरीर के ऊतकों में शुगर किस दर से ग्रहण की जाती है और ऊतक कितने सक्रिय है। इस टेस्ट से आसानी से पता किया जा सकता है।

शरीर में कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और शुगर के बढ़े हुए अवशोषण के कारण स्कैनर पर चमकीले हॉट स्पॉट दिखाई देने लगते हैं। इस टेस्ट को कराने से पहले कुछ सामान्य बातों की सावधानी रखना चाहिए। जैसे-टेस्ट से पहले क्या खाना है या नहीं खाना है? इस बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लें। इस टेस्ट में अधिकतम 20 से 30 मिनट का समय लगता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button