Dengue Malaria Care: डेंगू और मलेरिया के लक्षण को नहीं करें अनदेखा, जानिय़े इसके गंभीर परिणाम
Dengue Malaria Care: बरसात के मौसम में रोग, संक्रमण आदि फैलने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। इस मौसम में मच्छरों के कारण मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारी तेजी से फैलती है। इस मौसम में जगह-जगह जलजमाव की समस्या हो जाती है जिससे मलेरिया और डेंगू के मच्छर तेजी से पनपते हैं। रोगों से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि घर के आसपास पानी जमा न होने दें और यदि पानी ठहरा हुआ है तो उसमें रसायन आदि डालकर मच्छरों को पनपने से रोकें।
डा. विक्रम बलवानी बताते हैं कि सामान्य बुखार व डेंगू में अंतर समझना जरुरी है। यदि आपको तीन से चार दिन से अधिक बुखार हो, कमजोरी बढ़े, उल्टी, घबराहट, चक्कर और शरीर पर लाल चकते दिखाई दें तो ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करें। ये डेंगू के गंभीर लक्षण हो सकते है। ऐसी स्थिति में चिकित्सक का परामर्श ले। डेंगू के मरीजों को पानी की कमी न होने दे और उसे ओआरएस का घोल पिलाए। यदि किसी मरीज की खून की जांच में यदि प्लेटलेट्स 50 हजार से कम हो तो उसकी स्थिति गंभीर हो सकती है।
कई बार डेंगू वायरस के संक्रमण के कारण किडनी, फेफडे में पानी भरने व रक्त क नसों की लीक करने, लिवर में में पीलिया होने जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। घरों की छत व और आसपास जलजमाव न होने दे। बच्चों को मच्छरों से बचाव के लिए बाजार में उपलब्ध जैल लगाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें और ऐसे वस्त्र पहनें जो हाथ व पैर को पूरी तरह से ढ़ंक कर रखे।
शरीर में पानी की कमी न होने दें और चिकित्सकीय परामर्श लेते रहें व रक्त की जांच करवाएं। डेंगू में तेज बुखार, सिर दर्द, आंखो में दर्द, बदन व कमर दर्द और कमजोरी होने जैसे लक्षण दिखाई देते है। मौसमी बुखार में दर्द ज्यादा नहीं होता है। यदि बुखार बार-बार आ रहा है तो उसे हल्के में न लें। डेंगू का बुखार एक सप्ताह तक रहता है। इस दौरान मरीज को ओआरएस का घोल पिलाएं। रोगी को नारियल पानी, खिचड़ी, दलिया, दाल, फल दे सकते है।