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Health News : आप भी सावधान हो जाएं, बीमारी के लक्षण शुरुआती अवस्था में सामने नहीं आते हैं

Health News : जबलपुर की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. ऋचा शर्मा बोलीं- चिकित्सक के पास पहुंचते हैं जब ग्लूकोमा का खतरा बढ़ चुका होता है।

HIGHLIGHTS

  1. इस बीमारी में आंखों का प्रेशर बढ़ जाता है
  2. आंखों की रोशनी पूरी तरह जाने का खतरा रहता है।
  3. समय-समय पर आंखों की जांच कराना चाहिए।

Health News : ग्लूकोमा यानि कांच बिंदु देश में अंधत्व का सबसे बड़ा कारण है। यदि द्ष्टि खराब हो रही है, आंखों में दर्द रहता है, गंभीर सिरदर्द होता है, कार्निया के आगे सफेद या धुंधलापन हो, आंखों की रोशनी कम होती जा रही है तो सावधान हो जाना चाहिए, यह कांच बिंदु के लक्षण हो सकते हैं। इस बीमारी में आंखों का प्रेशर बढ़ जाता है।

 
 

चिकित्सक के पास पहुंचते हैं जब ग्लूकोमा का खतरा बढ़ चुका होता है

स्वस्थ आंखों में एक द्रव्य बनता है जो बाहर निकल जाता है। आंखों का प्रेशर बढ़ने से इस द्रव्य के सामान्य गति से बाहर निकलने में रुकावट होती है, जिससे आंखों पर दबाव बढ़ता है। खास बात यह है कि इस बीमारी के लक्षण शुरुआती अवस्था में सामने नहीं आते हैं। यही कारण है कि आंखों की नियमित जांच न कराने वाले तब चिकित्सक के पास पहुंचते हैं जब ग्लूकोमा का खतरा बढ़ चुका होता है।

समय-समय पर आंखों की जांच कराएं

40 वर्ष से अधिक आयु के लोग, लंबे समय तक स्टेराइड लेने वाले, शुगर से पीड़ित मरीज, वे लोग जिनकी आंख में चोट लगी हो उन्हें समय-समय पर आंखों की जांच कराना चाहिए। ग्लूकोमा की पारिवारिक हिस्ट्री वालों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। ग्लूकोमा की गंभीर स्थिति में आंखों की रोशनी पूरी तरह जाने का खतरा रहता है। आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजन को इस बीमारी का खतरा रहता है परंतु यह किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। कुल मिलाकर ग्लूकोमा को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।

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