Viral Fever Alert: वायरल फीवर ने बदला स्वरूप, एक-दो दिन में ही मरीज की हालत खराब, प्लेटलेट्स भी तेजी से हो रहे कम
बारिश के मौसम में डेंगू और वायरल फीवर आम बात है, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक, इस बार वायरल फीवर के लक्षण बदल गए हैं। जांच रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि नहीं होने के कारण कई केस तो डॉक्टरों की समझ से परे है।
HIGHLIGHTS
- मरीजों में 100 डिग्री से ज्यादा बुखार
- 7 से 10 दिन में ठीक हो रही बीमारी
- ठीक होने के बाद भी बनी है कमजोरी
हेल्थ डेस्क, इंदौर। देश के विभिन्न शहरों में वायरल फीवर का स्वरूप बदला नजर आ रहा है। एक-दो दिन में ही मरीज की हालत खराब कर दे रहा है। साथ ही प्लेटलेट्स को भी तेजी से कम कर रहा है, लेकिन जांच में डेंगू नहीं निकल रहा है।
बुखार का असर सात से 10 दिन तक रह रहा है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जेएएच, जिला अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में हर रोज करीब 60 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं।
विशेषज्ञों कहना है कि इस बार वायरल फीवर की प्रकृति में बदलाव देखने को मिल रहा है। आमतौर पर वायरल फीवर दो से चार दिन तक रहता है और रोगी को 100 डिग्री तक बुखार आता है, लेकिन इस बार वायरल के बदले हुए स्वरूप में रोगी को तेज बुखार आ रहा है।
नापने पर बुखार 103 से 104 डिग्री तक रिकॉर्ड किया जा रहा है। इतना ही नहीं बुखार जाने में सात से 10 दिन का समय लग रहा है। इसके अलावा वायरल के बदले हुए नेचर में खांसी भी 10 से 15 दिन तक रह रही है।
वायरल में कमजोरी ज्यादा हो रही महसूस
- डॉक्टर के मुताबिक सितंबर, अक्टूबर माह में नमी होने के कारण बीमारियां बढ़ती हैं।
- इसके परिणामस्वरूप हर साल वायरल फीवर, मलेरिया और डेंगू के मरीज बढ़ जाते हैं।
- आमतौर पर वायरल फीवर में रोगी को खांसी, जुकाम, हल्का बुखार, बदन दर्द रहता है।
- इस बार वायरल फीवर के कारण मरीजों को कमजोरी ज्यादा महसूस हो रही है।