Health News : टीबी का पता लगाएगी इगरा, प्रदेश की पहली मशीन जबलपुर के इस अस्पताल में स्थापित, आठ जिलों के रोगियों को लाभ
HIGHLIGHTS
- संक्रामक बीमारी टीबी की रोकथाम में सहायता मिलेगी।
- मशीन से हर दिन 80 सैंपल की जांच हो पाएगी।
- 40 सैंपल की जांच में लगभग पांच घंटे लगते हैं।
Health News : टीबी यानी क्षय रोग की जांच में उपयोगी प्रदेश की पहली इम्यूनो ग्लोब्योलिन रिलील एसे (इगरा) मशीन विक्टोरिया अस्पताल में स्थापित की गई है। शुक्रवार से यह मशीन टीबी मरीजों की जांच के लिए शुरू की गई। इस मशीन से जबलपुर सहित आठ जिलों में संक्रामक बीमारी टीबी की रोकथाम में सहायता मिलेगी। जबलपुर के अलावा कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, डिंडौरी, छिंदवाड़ा के संदिग्धों के सैंपल की जांच इस मशीन से विक्टोरिया अस्पताल में की जाएगी।
केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय मिश्रा ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत शासन द्वारा लाखों रुपये कीमती मशीन उपलब्ध कराई गई है। केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया है। खास बात यह है कि इस मशीन की सहायता से खून जांच से टीबी का पता लगाया जाएगा। प्रारंभिक अवस्था में बीमारी का पता चलने पर प्रभावी रूप से संक्रमण की रोकथाम संभव होगी।
संपर्क में रहने वालों की जांच
विक्टोरिया अस्पताल के सिविल सर्जन डा. मनीष मिश्रा ने बताया कि इगरा मशीन से उन लोगों के खून की सैंपल की जांच की जाएगी, जो टीबी मरीज के सीधे संपर्क में रहते हैं। उनके स्वजन व कुछ आसपास के लोग। खास बात यह है कि टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले यदि इसके संक्रमण की चपेट में जाते हैं तो समय रहते बीमारी का पता नहीं चल पाता है। कई बार टीबी के सामान्य लक्षण भी प्रकट नहीं होते हैं। इसलिए लोग जांच व उपचार नहीं कराते हैं। टीबी संक्रमण का खतरा बढ़ने का यह प्रमुख कारण है। खून के सैंपल की जांच से प्रारंभिक अवस्था में ही टीबी संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।
घर-घर पहुंचेगा अमला
सिविल सर्जन डा. मिश्रा ने बताया कि टीबी मरीजों के घर पहुंचकर संपर्क में आए लोगों के रक्त के सैंपल लिए जाएंगे। इसकके लिए संभाग के सभी जिलों के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई है। सूचीबद्ध टीबी मरीजों के घर पहुंचकर स्वास्थ्य अमला ब्लड सैंपल लेगा। जिसकी जांच विक्टोरिया अस्पताल में की जाएगी। मशीन से हर दिन 80 सैंपल की जांच हो पाएगी। 40 सैंपल की जांच में लगभग पांच घंटे लगते हैं।
ये रहे मौजूद
मशीन के शुभारंभ अवसर पर मनोचिकित्सक डा. रत्नेश कुरारिया, शिशु रोग विशेषज्ञ डा. एसएस दाहिया, अरुण शाह आदि मौजूद रहे।