Tuberculosis से बचना है तो इन बातों की रखें सर्तकता, इन लक्षणों को बिल्कुल न करें अनदेखा
HIGHLIGHTS
- जब Tuberculosis का कोई मरीज खांसता है, तो ड्रॉपलेट पार्टिकल निकलते हैं।
- संक्रमित होने या न होने के पीछे इम्युनिटी की बड़ी भूमिका रहती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो उसे टीबी संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा होता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। अगर लगातार बुखार, खांसी की समस्या बनी हुई है, वजन में कमी व थकान हो रही है तो ये सब टीबी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। दरअसल, यह बैक्टीरिया जनित एक गंभीर संक्रमण है, जिससे हर वर्ष लाखों लोग प्रभावित होते हैं। टीबी का संक्रमण फेफड़ों, मस्तिष्क, हड्डियों में हो सकता है। फेफड़ों में टीबी होने पर रक्त के जरिये अन्य अंगों तक फैलाव हो जाता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं पल्मोनरी मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रोहित कुमार।
इस कारण होती है Tuberculosis
जब Tuberculosis का कोई मरीज खांसता है, तो ड्रॉपलेट पार्टिकल निकलते हैं। इसके संपर्क में आने पर संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है। वैसे तो टीबी का जोखिम हर किसी को रहता है, लेकिन संक्रमित होने या न होने के पीछे इम्युनिटी की बड़ी भूमिका रहती है। अगर किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है तो उसे टीबी संक्रमण होने का जोखिम ज्यादा होता है।
तेजी से फैलता है संक्रमण
Tuberculosis की समस्या आमतौर पर घनी बसाहट वाली जगहों जैसे शरणार्थी कैंपों, कारागार आदि स्थानों पर ज्यादा देखी जाती है क्योंकि इन स्थानों पर TB का ट्रांसमिशन अधिक होता है। अगर घर में किसी एक व्यक्ति को टीबी है तो उसके खांसने से अन्य लोगों को भी टीबी होने की आशंका रहती है। इसके अलावा यदि किसी को किडनी, कमजोर लिवर, कैंसर, HIV जैसी कई बीमारियों की समस्या है तो उसमें Tuberculosis होने की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
इन लक्षणों को न करें अनदेखा
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- लगातार बुखार
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- भूख में कमी
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- वजन में गिरावट
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- फेफड़ों में टीबी होने पर खांसी
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- बलगम में खून आना
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- बोन टीबी होने पर हड्डियों में दर्द
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- सिरदर्द
Tuberculosis से बचाव के उपाय
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- Tuberculosis से बचाव के लिए बच्चों को BCG का टीका लगाया जाता है। यह गंभीर संक्रमण रोकता है।
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- अपनी प्रतिरक्षा मजबूत रखनी चाहिए।
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- डायबिटीज है तो अपना ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखें।
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- दिनचर्या को नियमित रखें, समय पर भोजन और नींद का पालन जरूर करें।
- टीबी का इलाज बीच में न छोड़े। इलाज में निरंतरता रखें।