Health News : शुगर लो होने के खतरे से बचाता है इंसुलिन, पढ़ें कैसे करेंगे सही उपयोग
HIGHLIGHTS
- अपेक्षाओं के आधार पर इंसुलिन का चयन किया जा सकता है।
- जांच के अनुसार, धीरे-धीरे बढ़ाकर एडजस्ट किया जाता है।
- इंसुलिन तो ऐसे हैं जिन्हें भोजन के बाद भी लगा सकते हैं।
Health News : इंसुलिन के क्षेत्र में पिछले तीन दशकों में बहुत विकास हुआ है। अब कई प्रकार के इंसुलिन उपलब्ध हैं। कुछ इंसुलिन भोजन के आधा घंटे पहले, कुछ पंद्रह मिनट पहले, कुछ भोजन के बीच में और नवीनतम इंसुलिन तो ऐसे हैं जिन्हें भोजन के बाद भी लगा सकते हैं। कुछ ऐसे इंसुलिन भी उपलब्ध हैं जिन्हें लगाने का भोजन से कोई रिश्ता नहीं है, दिन में एक बार किसी भी समय लिया जा सकता है। व्यक्ति-विशेष की जरूरतों और अपेक्षाओं के आधार पर इंसुलिन का चयन किया जा सकता है। इंसुलिन से शुगर लो होने के खतरे से बचा जा सकता है।
जांच के अनुसार, धीरे-धीरे बढ़ाकर एडजस्ट किया जाता है
इंसुलिन कम डोज़ से शुरू करके, शुगर जांच के अनुसार, धीरे-धीरे बढ़ाकर एडजस्ट किया जाता है। अधिकांश लोगों को ज़्यादातर बार, इंसुलिन लगाने से शुगर सामान्य से कम नहीं होता है, किंतु कभी भोजन कम लेना, भोजन के समय में देरी, डोज अधिक हो जाना, दस्त, आदि में यह हो सकता है। सही तरीका समझ लें तो हाइपोग्लाइसीमिया के ज्यादातर प्रकरणों का आसानी से निवारण संभव है।
एक तिहाई घरों में कम से कम एक व्यक्ति को डायबिटीज रोग है
नवीनतम रिसर्च में यह पाया गया है की भारत में औसतन एक तिहाई घरों में कम से कम एक व्यक्ति को डायबिटीज रोग है। परिवार के एक सदस्य को अगर शुगर कंट्रोल नहीं होने की वजह से विषमताएं और समस्याएं होती हैं तो पूरा परिवार परेशान हो सकता है। इसलिए सभी को मिल कर इन समस्याओं से बचाव हेतु, बेहतर इलाज का प्रयास करना चाहिए।