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Yoga For Stress: स्वभाव में बार-बार आता है चिढ़चिढ़ापन तो रोज करें ये यौगिक क्रियाएं

HIGHLIGHTS

  1. यदि किसी व्यक्ति को तनाव रहता है तो ऐसे लोगों में लगातार अनिर्णय की स्थिति बनी रहती है।
  2. मन में किसी अनहोनी, दुर्घटना का भय, अचानक किसी काम में रुकावट का आना तनाव के प्रमुख लक्षण हैं।
  3. ध्यान मन का स्नान है। तनाव मुक्ति का अचूक साधन है।

लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। अनियमित दिनचर्या और काम के दबाव के कारण आजकल अधिकांश लोग तनावयुक्त जिंदगी जी रहे हैं। तनाव मन की वह स्थिति है, जिसमें मनुष्य एक खास बोझ मन पर महसूस करता है। मन में लगातार एक अंर्तद्वंद्व चलता रहता है और छोटे-छोटे काम में भी तनाव बना रहता है। हर काम में जल्दबाजी और परेशानी का भाव बन जाता है। कई बार तो बिना बात के भी यह तनाव देखा जाता है। यदि लगातार तनाव बना रहता है तो कई शारीरिक और मानसिक बीमारियां पैदा हो सकती है।

इन लक्षणों को न करें अनदेखा

यदि किसी व्यक्ति को तनाव रहता है तो ऐसे लोगों में लगातार अनिर्णय की स्थिति बनी रहती है। मन में किसी अनहोनी, दुर्घटना का भय, अचानक किसी काम में रुकावट का आना, थकावट, काम की अधिकता, क्षमता से अधिक करने की होड़, निराशा महसूस होती है। इसका मुख्य कारण ऑफिस में अधिकारी की ओर से दिए गए अकारण परेशान करना, व्यावसायिक समस्याएं, टूटते परिवार, समाज की दूषित व्यवस्था, सहनशीलता व धैर्य की कमी आदि हो सकते हैं। ऐसे में तनाव दूर करने के लिए कुछ यौगिक क्रियाएं आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं योग एक्सपर्ट अल्पना पांडेय –

प्राणायाम

दीर्घ श्वास प्रश्वास, शीतली, अनुलोम विलोम, कपालभाति, उज्जायी, भ्रामरी आदि प्राणायाम मन के तनाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

ध्यान

ध्यान मन का स्नान है। तनाव मुक्ति का अचूक साधन है। रोज सुबह और शाम के समय 30 मिनट ध्यान करने का अभ्यास करना चाहिए।

योग निद्रा

लंबे समय से तनाव से ग्रस्त व्यक्ति को योग निद्रा के द्वारा ठीक किया जा सकता है। उनके अवचेतन मन की ग्रंथियों को खोला जा सकता है, जिससे मन के साथ साथ शरीर भी स्वस्थ होगा।

योगासन

तनाव से बचने के लिए शशांकासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन तथा शिथिलीकरण के आसन लाभप्रद हैं।

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