Health News : बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ाते हैं टीके, इन्हें न करें अनदेखा
HIGHLIGHTS
- कुछ बीमारियां अपंगता के साथ जानलेवा साबित होती हैं।
- तरह-तरह की संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा होती है।
- ये टीके उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं।
Health News : टीकाकरण से बच्चों में तरह-तरह की संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा होती है। इससे बच्चों के शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि हाेती है। खसरा, टिटनेस, पोलियो, टीबी, गलघोंटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस आदि से ये टीके बच्चों की सुरक्षा करते हैं। गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका लगाया जाता है इससे नवजात शिशुओं की भी सुरक्षा जुड़ी हुई है।
टीके शिशुओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं
कुछ बीमारियां बच्चों को अपंग बना देती हैं, जानलेवा साबित होती हैं, ये टीके उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं। टीकों के कारण ही तमाम बीमारियां या तो खत्म हो गईं या नियंत्रित हो गईं। कोरोना महामारी की रोकथाम में भी टीके की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई। लिहाजा बचपन में होने वाली कई जानलेवा बीमारियों से बचाव का सुरक्षित तरीका टीकाकरण है। यह बच्चे को जीवाणु व विषाणुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
सर्दी, खांसी, जुकाम, दस्त, कुपोषण आदि के दौरान भी टीके लगावाएं
जन्म के 24 घंटे के भीतर शिशुओं को बीसीजी, पाोलियो, हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए। इसी तरह ओपीवी, रोटा वायरस वैक्सीन, एफआइपीवी, पीसीवी, पेंटावेलेंट टीके के लिए भी अलग-अलग समय निर्धारित है। बच्चे की नौ माह आयु पूर्ण होने पर खसरे के टीके के साथ विटामिन ए की पहली तथा पीसीवी की बूस्टर खुराक दी जाती है। सर्दी, खांसी, जुकाम, दस्त, कुपोषण आदि के दौरान भी बच्चों को टीके लगाए जा सकते हैं।
टीका लगवाने में विलंब नहीं करना चाहिए
मेडिकल कालेज अस्पताल, जिला अस्पताल, शहरी औषधालय, शहरी पीएचसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केेंद्रों में निश्शुल्क टीकाकरण किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को टिटनेस टाक्साइड का टीका लगवाने में विलंब नहीं करना चाहिए।