Bike Adventure Tourism: टू व्हीलर यात्रा एडवेंचर का ट्रेंड बढ़ा, पढ़ें क्‍यों आज के युवा पसंद कर रहे"/> Bike Adventure Tourism: टू व्हीलर यात्रा एडवेंचर का ट्रेंड बढ़ा, पढ़ें क्‍यों आज के युवा पसंद कर रहे"/>

Bike Adventure Tourism: टू व्हीलर यात्रा एडवेंचर का ट्रेंड बढ़ा, पढ़ें क्‍यों आज के युवा पसंद कर रहे

Bike Adventure Tourism: यात्रा की शुरुआत में पहले दिन जबलपुर से मथुरा गए। यह एडवेंचर बहुत ही बढ़िया रहा। हमने प्राकृतिक सौंदर्य को अपने कैमरे में क्लिक किया। बाइक में सेफ्टी टूल्स रखे थे। साथ ही लगातार स्वजनों से कांटेक्ट में रहे। अपने साथ मेडिकल कीट भी रखी थी। हजारों किलोमीटर बाइक राइड में बहुत ही मजा आया। जब भी मौका मिलेगा, फिर एडवेंचर बाइक राइड करने की इच्छा है।

HIGHLIGHTS

  1. किसी को सोलो तो किसी जीवनसाथी के पसंद है बाइक राइड करनी।
  2. विभिन्न संस्कृति को जानने का मिलता है मौका, सेफ्टी किट होती है साथ।
  3. लेह-लद्दाख, कारगिल, श्रीनगर, डल लेक आदि जगहों पर यात्रा की।

Bike Adventure Tourism: सफर हमेशा सुकून देता है, नए रास्तों, नई गलियों की खोज करना सिखाता है। सफर में हवा, पंछी, नदियां, पहाड़, खेत, गांव, सभी संगी-साथी होते हैं। फिर चाहे परिवार साथ हो, दोस्त हों या अकेले खुद आप। यात्राओं का आनंद लेने का सबका अपना तरीका होता है। समय समय पर इसमें बदलाव भी होते रहते हैं। जैसे आजकल टू व्हीलर यात्रा एडवेंचर का ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

बाइक से हिमालय, लेह-लद्दाख, नेपाल आदि जगहों पर जा रहे हैं

शहर के कई ऐसे कपल्स हैं, जो बाइक से हिमालय, लेह-लद्दाख, नेपाल आदि जगहों पर जा रहे हैं। इसके पीछे उनका कोई ना कोई उद्देश्य होता है। कोई पर्यावरण को लेकर तो कोई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रहा है।

हर किसी के जीवन जीने का तरीका अलग होता है

कई कपल्स विभिन्न राज्याें की संस्कृति जानने के उद्देश्य से ट्रिप करते हैं। हर किसी के जीवन जीने का तरीका अलग होता है। एडवेंचर्स लाइफ युवाओं को भाती है। किसी को सोलो तो किसी जीवनसाथी के साथ बाइक पर एडवेंचर्स करना पसंद है। जब उसमें हमसफर का साथ हो तो एडवेंचर्स का मजा और भी आता है। सोलो बाइक राइडर व कपल्स ने अपने अनुभव साझा किए।

12 दिन में पूरी की यात्रा

हाल ही में 12 दिन की यात्रा पूरी कर लौटे विशाल केशरी व स्वाति केशरी ने बताया कि उन्होंने लेह-लद्दाख, कारगिल, श्रीनगर, डल लेक आदि जगहों पर यात्रा की। यात्रा की शुरुआत मथुरा से की। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कि सिंपल लाइफ तो सभी जीते है, लेकिन जब लाइफ में एडवेंचर हो तो जीने का मजा और भी बढ़ जाता है।

अलग-अलग सभ्यता और संस्कृतियों का जानने का मौका मिला

पूरी यात्रा में कई राज्यों से होकर गुजरे। अलग-अलग सभ्यता और संस्कृतियों का जानने का मौका मिला। बाइक राइडिंग में हमने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओं का भी मैसेज दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी यात्रा का कोई ना कोई उद्देश्य होना चाहिए।

नौ राज्यों को किया पार

पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर किशन मिश्रा साहसिक काम करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। किशन मिश्रा पिछले दिनों 6000 किलोमीटर की अकेले यात्रा कर वापस आए हैं। इस यात्रा को उन्होंने अकेले अपनी बाइक में 32 दिनों में पूरा किया। त्रिमूर्ति नगर निवासी अशोक कुमार मिश्रा के पुत्र किशन ने अपनी यात्रा जबलपुर से शुरु की थी। उन्होंने नौ राज्यों से गुजरते हुए पिछले दिनों यात्रा का समापन जबलपुर में किया।

समाज के अतीत और वर्तमान के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया

किशन ने छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, बंगाल, असम, सिक्किम, मेघालय व उत्तरप्रदेश में मानव, उसकी अनुवांशिकी, संस्कृति और समाज की वैज्ञानिक और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से अध्ययन किया। किशन ने एडवेंचर के साथ यात्रा में पड़ने वाले स्थानों के मनुष्य के समाज के अतीत और वर्तमान के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया।

किसी राज्य की ट्रैफिक तो कहीं का इंफ्रास्ट्रक्चर पसंद आया

किशन का कहना है कि बाइक एडवेंचर ट्रेवल के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वालों की संस्कृति को समझना उनका मूल उद्देश्य है। उन्हाेंने बताया कि नौ राज्यों में किसी राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था अच्छी लगी तो कहीं का इंफ्रास्ट्रक्चर पसंद आया।

मोबाइल के माध्यम से परिजनों को अपडेट देता रहता था

किशन ने बताया कि साेलो ट्रिप को लेकर बहुत परिजनाें ने अनुमति नहीं दी। लेकिन जब मैने अपने मन की बात उनके सामने रखी, तो उन्होंने हामी भरी। मोबाइल के माध्यम से परिजनों को अपडेट देता रहता था। कभी लाइव लोकेशन शेयर की, तो कभी फोटो शेयर की।

सभ्यता और संस्कृति को परिजनों से वीडियो काल कर शेयर किया

कई बार अन्य राज्यों की सभ्यता और संस्कृति को परिजनों से वीडियो काल कर शेयर किया। वर्क फ्राम होम होने के कारण प्रतिदिन यात्रा का समय तय नहीं किया था। कभी एक दिन में 500 किलोमीटर भी बाइक चलाई है, तो कभी कम भी। बाइक में अपने साथ सेफ्टी किट कैरी की थी। कई ऐसे राज्यों से होकर गुजरा पर ठंड बहुत अधिक थी, इसलिए ठंड से बचने के लिए जैकेट आदि लेकर गया था। साथ ही फस्र्ट एड किट व जरुरी दवाइयां भी अपने साथ रखी थी।

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