Health Tips: क्या आपका बच्चा खुद में मगन रहता है, किसी के साथ नहीं खेलता तो हो सकते हैं आटिज्म के लक्षण
HIGHLIGHTS
- एक जगह नहीं बैठना, जिद करते रहना, नजरों को नहीं मिलाना, बच्चों के साथ नहीं खेलना ये हैं लक्षण।
- बच्चों में ऐसे कोई लक्षण नजर आए तो तुरंत विशेषज्ञों की सलाह लेकर उपचार शुरू करवाना चाहिए।
- एकल परिवार में रहने वाले बच्चे आटिज्म के शिकार अधिक होते हैं क्योंकि उनके साथ कोई खेलने और बात करने वाला नहीं होता।
Health Tips: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल विकार है। इसके लक्षण मुख्य रूप से एक वर्ष, दो वर्ष या इससे कम उम्र में दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। जैसे एक जगह नहीं बैठना, जिद करते रहना, नजरों को नहीं मिलाना, बात न कर पाना, किसी अन्य की बात को न समझ पाना, बच्चों के साथ नहीं खेलना, खुद में ही मगन रहना, चीजों को फेंकना, बार-बार हाथों को हिलाना, खुद को मारना, सिर पर मारना आदि।
आक्युपेशनल थेरेपिस्ट डा. गौतम सुरागे का कहना है कि स्वजन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि बच्चे में ऐसे कोई लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत विशेषज्ञों की सलाह से उपचार शुरू करवा देना चाहिए। कई बार स्वजन इस तरह के लक्षणों नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में यह बीमारी बढ़ जाती है।
एकल परिवार में रहने वाले बच्चे ज्यादा शिकार
यह भी देखा गया है कि एकल परिवार में रहने वाले बच्चे आटिज्म के शिकार अधिक होते हैं क्योंकि उनके साथ कोई खेलने और बात करने वाला नहीं होता। इसके उलट संयुक्त परिवार में बच्चों के साथ खेलने और बात करने वाले कई लोग होते हैं। इसके अलावा मोबाइल का अधिक उपयोग करने के कारण भी बच्चे आटिज्म के शिकार हो रहे हैं।
आटिज्म से ऐसे बचाएं बच्चों को
बच्चों को आटिज्म से बचाने के लिए स्वजन बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। आटिज्म वाले बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें मोबाइल से जितना दूर रख सकते हैं, रखें। ऐसे बच्चों का इंटेग्रेशन थेरेपी के माध्यम से एमवाय अस्पताल में इलाज किया जाता है।