Parkinson Symptoms: समय पर पहचानें पार्किंसंस के लक्षण, नहीं तो हो सकती है बड़ी परेशानी
HIGHLIGHTS
- पार्किंसंस रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जिसका असर मुख्य रूप से मरीजों के चलने-फिरने से संबंधित गतिविधियों पर पड़ता है।
- इस बीमारी में मस्तिष्क में डोपामाइन का निर्माण करने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं।
- पार्किंसंस के मरीजों को व्यायाम, फिजिकल थैरेपी, सेहतमंद आहार, ध्यान और योग की जरूरत होती है।
Parkinson Symptoms: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पार्किंसंस रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जिसका असर मुख्य रूप से मरीजों के चलने-फिरने से संबंधित गतिविधियों पर पड़ता है। इस बीमारी में मस्तिष्क में डोपामाइन का निर्माण करने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं, जिससे शरीर में कंपन, अकड़न, चलने-फिरने की दर धीमी होना तथा संतुलन एवं तालमेल बनाए रखने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
न्यूरोसर्जन डा. चिराग सोलंकी ने बताया कि अक्सर ये लक्षण समय के साथ बढ़ते हैं और इससे पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। वैसे तो इस रोग के कई लक्षण हैं, लेकिन इनमें से प्रमुख लक्षणों में चलने-फिरने की दर धीमी होना (ब्रैडीकिनेसिया), जो सबसे आम समस्या है और इसकी वजह से रोजमर्रा के कामकाज करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
व्यायाम से सुधर सकती है स्थिति
मांसपेशियों में अकड़न, संतुलन बनाए रखने में कठिनाई के साथ लड़खड़ाकर चलना, शरीर में कंपन, कब्ज, नींद पूरी नहीं होना, दर्द, डिप्रेशन आदि हैं। पार्किंसंस के मरीजों को व्यायाम, फिजिकल थैरेपी, सेहतमंद आहार, ध्यान और योग की जरूरत होती है। इससे पार्किंसंस से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता काफी बेहतर हो सकती है। दवाइयों से मरीज की स्थिति को बिगड़ने से रोका जा सकता है।
वहीं जिन मरीजों पर दवाओं का असर नहीं होता है। उनके लिए डीबीएस (डीप ब्रेन स्टिमुलेशन) सर्जरी बेहद कारगर है। पार्किंसंस हर किसी को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। लिहाजा इस बीमारी के इलाज के लिए एक निश्चित तरीका नहीं अपनाया जाता है। हमेशा इस क्षेत्र के विशेषज्ञ की मदद लें, क्योंकि सही समय पर पता लगाने के साथ-साथ उचित उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।