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Yogasan For Thyroid: थायराइड की समस्या है तो रोज करें ये 6 योगासन, जल्द कंट्रोल होगा TSH लेवल

HIGHLIGHTS

  1. शरीर में थायराइड एक हार्मोन ग्रंथि है, जो गले के अंदर स्थित होती है।
  2. थायराइड ग्रंथि टी-3 और टी-4 थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है।
  3. थायराइड हार्मोन की कमी या अधिकता होने से शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। थायराइड आज एक आम समस्या हो गई है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या दिखाई देती है। हमारे शरीर में थायराइड एक हार्मोन ग्रंथि है, जो गले के अंदर स्थित होती है, यह थायराइड ग्रंथि टी-3 और टी-4 थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण करती है। यह हार्मोन शरीर के तापमान, सांस, पाचन तंत्र, हार्ट रेट पर प्रभाव डालते हैं। थायराइड हार्मोन की कमी या अधिकता होने से शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है।

थायराइड की समस्या भी 2 प्रकार की होती है, पहला हाइपरथायरायड, जिसमे थायरोक्सिन हार्मोन ज्यादा बनता है, जिससे घबराहट, थकावट, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा की समस्या होती है। दूसरा हाइपो थायराइड, इसमें हार्मोन का निर्माण कम होने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। शरीर का वजन बढ़ने लगता है। आलस्य महसूस होता है और चिड़चिड़ापन होने लगता है। थायराइड की समस्या को योगासन के द्वारा की नियंत्रित किया जा सकता है। इन योगासनों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रही है इंटरनेशनल योगा चैंपियन व गोल्ड मेडलिस्ट अल्पना पांडे।

वज्रासन

भोजन के बाद 10 से 15 मिनट वज्रासन में बैठने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। शरीर का वजन संतुलित होता है। वज्रासन में घुटनों को मोड़ कर कूल्हों को एड़ियों के बीच रख कर मैट पर बैठे। कमर और गर्दन सीधी रखें और गहरी सांस लें।

ब्रह्म मुद्रा

जिव्हा बंध के साथ 10-10-10 बार ब्रह्म मुद्रा सुबह शाम अभ्यास करने से निश्चित लाभ प्राप्त होगा।

मार्जरी आसन

घुटनों और हथेलियों को जमीन पर रखें। श्वास भरते हुए गर्दन ऊपर रीढ़ की हड्डी को नीचे लाएं फिर श्वास छोड़ते हुए गर्दन नीचे रीढ़ की हड्डी ऊपर खींचे। इस क्रिया को 10 बार दोहराएं।मत्स्यासन

मैट पर पद्मासन लगा कर बैठें। कुहनियों का सहारे लेते हुए लेट जाएं। सीना ऊपर और सिर का शिखा भाग मैट पर रखें। बाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा और दाएं हाथ से बाएं पैर का अंगूठा पकड़ें। इस अवस्था में 1 से 5 मिनट तक रहें।

सर्वांगासन

मैट पर सीधे लेटें और दोनों पैरों को ऊपर ले जाएं। दोनों हाथों से कमर को सहारा देते हुए शरीर को ऊपर उठाएं और कंधों के बल खड़े हो जाएं। इस आसन से रक्त प्रवाह शरीर के ऊपर की तरफ होता है। गले पर दबाव पड़ता है जो थायराइड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

सेतुबंधासन

मैट पर पीठ के बल लेटें। घुटनों को मोड़ कर एडी को हिप्स के करीब लाएं। हाथों पर बल देते हुए कमर को ऊपर उठाएं। यथासंभव आसन में ठहरें और धीरे से वापस आएं। यह आसन थायराइड ग्रंथि को एक्टिव करता है।

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