Autism Problem In Child: जानें क्या है आटिज्म की समस्या, आपका बच्चा भी लंबे समय तक देखता है टीवी या मोबाइल तो हो सकता है शिकार
HIGHLIGHTS
- ऑटिज्म के कारण बच्चों का शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होने लगता है।
- आटिज्म बीमारी होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं पता लगा है।
- आटिज्म का 80-90 फीसदी मामलों में परिवार में पहले से किसी सदस्य के इस बीमारी से पीड़ित होना पाया जाता है।
लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। बच्चों में ऑटिज्म की समस्या एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या है, जो बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर बुरा प्रभाव डालती है। आटिज्म से पीड़ित बच्चे सामाजिक, संचार और व्यवहार के मामले में कई चुनौतियों का सामना करते हैं। ऑटिज्म के कारण बच्चों का शैक्षणिक और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होने लगता है। इंदौर के पीडियाट्रिशियन डॉ. अंकुर राय के मुताबिक, आटिज्म बीमारी होने का कोई स्पष्ट कारण नहीं पता लगा है, लेकिन कुछ मुमकिन कारण हैं, जिससे इस रोग के लक्षण बच्चों में दिखाई देने लगते हैं। यहां ऑटिज्म के बारे में विस्तार से जानें-
ऑटिज्म की समस्या क्यों
ऑटिज्म का 80-90 फीसदी मामलों में परिवार में पहले से किसी सदस्य के इस बीमारी से पीड़ित होना पाया जाता है। इसके अलावा कुछ पर्यावरणीय कारक, माता-पिता की उम्र, प्रेगनेंसी के दौरान संक्रमण, मेडिकल कम्प्लीकेशन, दवाओं के कारण समस्या या 26 सप्ताह से पहले पैदा हुए बच्चों में ऑटिज्म की समस्या हो सकती है। मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में समस्या होने के कारण भी आटिज्म हो सकता है।
इन लक्षणों से पहचानें ऑटिज्म
यदि आपको बहुत अधिक टीवी या मोबाइल देखता है तो भविष्य में वह ऑटिज्म की समस्या से प्रभावित हो सकता है। आमतौर पर ऑटिज्म के लक्षण 3 साल से कम उम्र के बच्चों में दिखने लगते हैं। ऑटिज्म के प्रभावित बच्चों किसी बड़े व्यक्ति से नजर मिलाने से कतराने लगते हैं। दूसरों के भावों को समझने में असमर्थ होते हैं।
इन लक्षणों की भी न करें अनदेखी
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- बोलने में देरी, बोलना बंद कर देना, एक ही शब्द या वाक्य को बार-बार दोहराना।
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- प्रश्नों का उत्तर नहीं देना, संकेतों को समझने में मुश्किल होना।
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- सिर, हाथ, पैर, या पूरे शरीर को हिलाना।
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- किसी एक चीज़ में ही अति-रुचि होना, किसी एक हिस्से में ही ध्यान केंद्रित करना।
बहुत ज्यादा टीवी मोबाइल न देखने दें
जिन बच्चों में आनुवंशिक रूप से आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर होता है, वे बच्चे टीवी, मोबाइल या टैबलेट देखने में अधिक समय बिताते हैं। ऐसे बच्चे दिन में करीब 3 से 4 घंटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में ही बिता देते हैं। ऐसे बच्चों की विशेष केयर की जरूरत होती है। उनकी लाइफ स्टाइल को नियमित रखने पर ध्यान देना चाहिए।