National Hair Day: हेयर पर हर माह हजारों रुपए खर्च कर रहीं महिलाएं, कलर्ड बाल ट्रेंड में

National Hair Day: हेयर महिलाओं का गहना है। इस गहने को सहेजने के लिए वे हर महीने हजारों और साल में कई लाख रुपए खर्च कर देती हैं। कलरफुल और सिल्की हेयर पाने वह हर महीने ब्यूटी पार्लर पहुंचकर हेयर ट्रीटमेंट लेती हैं।

National hair day: ग्वालियर हेयर महिलाओं का गहना है। इस गहने को सहेजने के लिए वे हर महीने हजारों और साल में कई लाख रुपए खर्च कर देती हैं। कलरफुल और सिल्की हेयर पाने वह हर महीने ब्यूटी पार्लर पहुंचकर हेयर ट्रीटमेंट लेती हैं। ब्यूटीशियन के अनुसार महिलाओं के साथ ही अब लड़कियां भी अपने बालों को लेकर केयरिंग हैं। वह हेयर ट्रीटमेंट, हेयर स्पा, हेयर कलरिंग में काफी खर्च कर रही हैंं।

मैंने अलग दिखने की चाह में बालों में कलर कराना सन् 2015 से शुरू किया। जब सभी ने सराहा तो इसे अपने रुटीन में शामिल कर लिया। शादी के पहले मैं अपनी पॉकेट मनी से कलर कराती थी। हालांकि खर्च काफी होता था, लेकिन शौक था। अभी मैं कभी लेयर कलर तो कभी ग्लोबल कलर कराती हूं और बालों को सिल्की रखने प्रोटीन ट्रीटमेंट लेती हैं। ऐसा मुझे साल में चार से पांच बार कराना पड़ता है। इस तरह मेरा लगभग एक से सवा लाख रुपए तक बालों में खर्च हो जाता है।

पांच साल से करा रही बालों में कलर, ट्रीटमेंट भी लेती हूं

हम हर समय मेकअप तो नहीं करा सकते, लेकिन बालों में एक्सपेरिमेंट जरूर कर सकते हैं। मैं यही करती हूं। हर महीने बालों में कलर कराती हूं। कभी-कभी हेयर स्पा भी लेती हूं। हालांकि इसमें मेरा काफी खर्च होता है, लेकिन भीड़ में अलग दिखने के लिए जरूरी है। मैं बालों में ट्रीटमेंट पिछले पांच साल से ले रही हूं। अभी छह महीने पहले ही मैंने स्ट्रीटनिंग कराई थी। इससे बालों का लुक एकदम चेंज हो गया। मेरी स्टाइल देखकर और फ्रेेंड्स भी पार्लर पहुंच कर ट्रीटमेंट कराने लगीं।

रानी अग्रवाल, वर्किंग वुमन

कोरोना के बाद महिलाएं करने लगीं बालों की चिंता, अब करती हैं अच्छा खर्च

कोरोना के बाद महिलाओं में हेयर फॉल अधिक बढ़ गया। इसलिए उन्हाेंने हेयर स्पा की शुरुआत की और उन्हें बाल झड़ने से आराम मिला। इसलिए अब वे लगातार सिटिंग लेती हैं। इसके अलावा कलर्ड हेयर ट्रेंड में हैं। इनमें लेयर कलर अधिक महिलाएं कराती हैं और ग्लोबल कलर कराने वाली महिलाएं कम हैं। इसके अलावा हेयर ट्रीटमेंट कराने वाली महिलाएं भी काफी संख्या में हैं। वे बालों में कैराटिन, रिबांडिंग, स्मूदनिंग करा रही हैं। इससे बालों के ऊपर प्रोटीन की लेयर पड़ जाती है, जिससे बाल अच्छे हो जाते हैं। इसके साथ ही वे हर्बल ऑयल से मसाज भी करा रही हैं। इनमें उनका महीने में कई हजार रुपए खर्च होता है। हेयर कॉन्सियस महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

राका पाठक, हेयर एक्सपर्ट

फैशन के हिसाब से लेती हूं हेयर ट्रीटमेंट, लेयर कलर पर रहता है फोकस

शरीर की खूबसूरती बालों से है। इन्हें स्टाइलिस्ट बनाकर हम अपनी सुंदरता को कई गुना बढ़ा सकते हैंं। इसीलिए मैं हेयर ट्रीटमेंट लेती हूं। मैं लेयर कलर पर ज्यादा फोकस करती हूं। इसके साथ ही हेयर स्पा भी लेती हूं। इससे बाल एकदम सिल्की और स्टाइलिस्ट हो जाते हैंं। बाकी फैशन के हिसाब से भी ट्रीटमेंट लेती रहती हूं। जब भी कोई बड़ा फंक्श्न होता है या मुझे कहीं जाना होता है। ड्रेस के अकॉड्रिंग हेयर को लुक देती हूं। मैं एक ही पार्लर पर जाती हूं। बहुत जगह एक्सपेरिमेंट से बचती हूं।

रूचि अग्रवाल, हाउसवाइफ

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