Tiger State MP: बाघ ही नहीं, चीता, घड़ियाल, तेंदुआ, गिद्ध स्टेट भी है मध्य प्रदेश
Tiger State MP: मप्र के जंगलों का पारिस्थिकीय तंत्र वन्यप्राणियों को पसंद आ रहा है। जैसे चीते देश में कहीं और नहीं हैं, वैसे ही बारहसिंघा भी देश में कहीं और नहीं है।
भोपाल। Tiger State MP: मध्य प्रदेश सिर्फ टाइगर स्टेट ही नहीं है, बल्कि चीता, हार्डग्राउंड बारहसिंघा, घड़ियाल, तेंदुआ और गिद्धों की संख्या के मामले में भी देश में पहले स्थान पर है। सबसे बड़ी उपलब्धि भारत की धरा पर चीतों की वापसी है। 50 वर्ष की मेहनत सितंबर 2022 में फलीभूत हुई, जब अफ्रीकी देश नामीबिया से आठ चीते श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क लाए गए। फरवरी 2023 में दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए, जो खुद को इस वातावरण में ढालने की कोशिश कर रहे हैं।
इन्हें लाने के प्रयास 1970 से प्रारंभ हुए थे। मप्र के जंगलों का पारिस्थिकीय तंत्र वन्यप्राणियों को पसंद आ रहा है। जैसे चीते देश में कहीं और नहीं हैं, वैसे ही बारहसिंघा भी देश में कहीं और नहीं है। यहां हार्डग्राउंड बारहसिंघा पाया जाता है, जो पहले केवल कान्हा टाइगर रिजर्व के फैन अभयारण्य में पाया जाता था। 1980 के दशक में इसकी संख्या 60 हो गई थी। इसके संरक्षण के प्रयास हुए, तो संख्या बढ़ी।
फिर महामारी से बचाने के लिए इनमें से कुछ बाहरसिंघों को वन विहार नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया और इसके बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में। वर्तमान में प्रदेश एक हजार से अधिक बारहसिंघा हैं। तेंदुओं की संख्या में हम दशकों से सिरमौर हैं।
2018 की बाघ गणना के दौरान प्रदेश में 3421 तेंदुए गिने गए हैं। अन्य राज्य इस आंकड़े के आसपास भी नहीं हैं। 2022 की गणना में इनकी संख्या 4200 से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इनकी रिपोर्ट अभी घोषित नहीं की गई है।
दो बाघों की बढ़त से पिछली गणना में लगाई थी छलांग
मप्र 2006 से 2010 तक टाइगर स्टेट रहा। तब यहां 300 बाघ थे। 2010 की गणना में कर्नाटक ने बाजी मारी, वहां 300 बाघ गिने गए, जबकि मप्र में 257 बाघ। 2014 में कर्नाटक में 406 और मप्र में 308 बाघ थे। वर्ष 2018 में मप्र ने छलांग लगाई और दो बाघों की बढ़त लेकर टाइगर स्टेट का सम्मान प्राप्त कर लिया। तब यहां 526 और कर्नाटक में 524 बाघ गिने गए।
घडि़याल में पहला स्थान
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक घड़ियाल चंबल नदी में पाई जाती हैं। वर्तमान में यहां 2108 घड़ियाल हैं। इसके अलावा बिहार की गंडक, उत्तर प्रदेश की गिरवा, उत्तराखंड की राम गंगा नदियों में भी घड़ियाल हैं। ऐसे ही गिद्धों के मामले में भी मध्य प्रदेश सबसे आगे है। यहां 9446 गिद्ध हैं। वहीं ताजा गणना के आंकड़े आने वाले हैं। जिसमें संख्या बढ़ सकती है।