महिला मेजर ने लेफ्टिनेंट कर्नल पर बदनीयत से हाथ पकड़ने का लगाया था आरोप… अब HC ने कहा, ‘जांच हो चुकी, हम दखल नहीं देंगे’
याचिकाकर्ता के विरुद्ध जारी चार्जशीट को आर्म फोर्स ट्रिब्यूनल में चुनौती दी गई थी, जहां से राहत न मिलने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान केन्द्र शासन की ओर से डिप्टी सालिसिटर जनरल पुष्पेन्द्र यादव ने पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया।
HIGHLIGHTS
- महिला मेजर का कहना है कि सीओडी में वर्ष 2020 में पदस्थापना हुई थी।
- आपत्तिजनक टिप्पणियां कर बदनीयत से हाथ पकड़ने की कोशिश की थी।
- सीएमएम में एडवांस मटेरियल मैनेजमेंट कोर्स करने के दौरान की है घटना।
जबलपुर (MP High Court)। हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने लेफ्टिनेंट कर्नल पर शोषण का आरोप लगाने वाली महिला मेजर को राहत नहीं दी। कोर्ट ने साफ किया कि इस प्रकरण में जांच पूरी हो चुकी है, जो याचिकाकर्ता के विरुद्ध है। लिहाजा, हाई कोर्ट दखल नहीं देगा।
सीएमएम में एडवांस मटेरियल मैनेजमेंट कोर्स करने के दौरान की है घटना
महिला मेजर की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि सीओडी में वर्ष 2020 में उसकी पदस्थापना हुई थी। सीएमएम में एडवांस मटेरियल मैनेजमेंट कोर्स करने के दौरान जनवरी, 2021 से आठ नवम्बर, 2021 के दौरान वहां पर पदस्थ लेफ्टिनेंट कर्नल ने आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए बदनीयत से उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की थी।
परीक्षा के दौरान फैकल्टी रूम में सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल थे
घटनाक्रम की शिकायत उच्च अधिकारियों से किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद सात अप्रैल, 2021 की शाम आयोजित परीक्षा के दौरान फैकल्टी रूम में सिर्फ लेफ्टिनेंट कर्नल थे और उन्होंने एक बार फिर याचिकाकर्ता से आपत्तिजनक बातें कीं।
सेवानिवृत्त सीएमओ को 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ दें
वहीं हाई कोर्ट ने अपने दूसरे फैसले में वयोवृद्ध सेवानिवृत्त कर्मचारी को उनके 80 वें वर्ष की प्रवेश तिथि से 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति द्वारिकाधीश बंसल की एकलपीठ ने राज्य शासन व नगर निगम, जबलपुर को जिम्मेदारी सौंपी है कि 90 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करें।
याचिकाकर्ता को ही दोषी पाते हुए जांच के आदेश दे दिए
आंतरिक शिकायत समिति को शिकायत की गई। जांच के उपरांत 31 दिसंबर, 2021 को जांच समिति ने याचिकाकर्ता को ही दोषी पाते हुए जांच के आदेश दे दिए।
हाई कोर्ट ने राज्य शासन व नगर निगम को दिए निर्देश
याचिकाकर्ता नगर निगम, जबलपुर से सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रामकुमार हूंका की ओर से अधिवक्ता अनुराग कुमार सिंह ने पक्ष रखा।
मूल पेंशन का 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन पाने का अधिकारी
अधिवक्ता अनुराग कुमार सिंह ने दलील दी कि राज्य शासन के 30 अक्टूबर, 2010 के परिपत्र के अनुसार 80 वें वर्ष की आयु में प्रवेश करने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी मूल पेंशन का 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन पाने का अधिकारी है।
याचिकाकर्ता 79 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है
अभ्यावेदन देने के बावजूद लाभ नहीं मिला तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता 79 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है। दो मई, 2023 से 80 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है, इसलिए इसी तिथि से 20 प्रतिशत अतिरक्त पेंशन मिलनी चाहिए।