WhatsApp APK File Alert: अब सरकारी योजनाओं के नाम जैसी एपीके फाइल भेजकर साइबर ठगी
साइबर अपराधियों ने अब ठगी के लिए नया तरीका चुना है। अब ठग सरकारी योजनाओं के नाम पर एपीके फाइल भेजकर लोगाें से लेकर सरकारी कर्मचारी व अफसरों को ठग रहे है। ये फाइलें सरकारी अफसरों के ग्रुपों पर पोस्ट हो रही हैं और अफसर व कर्मचारी झांसे में आ जाते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
HIGHLIGHTS
- आधिकारिक वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट होने से फंस रहे अधिकारी
- ग्वालियर में तहसीलदार से लेकर राजस्व निरीक्षकों के मोबाइल हैक
- एपीके फाइल क्लिक करने से एक के खाते से 65 हजार रुपये निकाले
ग्वालियर (WhatsApp APK File Alert)। सरकारी योजनाओं के नाम जैसी एपीके (एंड्राइड एप्लीकेशन पैकेज) फाइलों से प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों से साइबर ठगी के मामले सामने आए हैं। हैकर्स आइएएस व राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की उपस्थिति वाले वाट्सएप ग्रुपों में इन एपीके फाइलों को पोस्ट कर रहे हैं। इन एपीके फाइलों के नाम सरकारी योजनाओं के नाम पर होते हैं।
इस कारण अधिकारी बिना ज्यादा विचार किए उसे मोबाइल में डाउनलोड-इंस्टाल कर ले रहे हैं। बता दें, एपीके एप्लीकेशन फाइल होती है और एंड्राइड आपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले फोन पर इंस्टाल होकर सिस्टम का हिस्सा बन जाती है। इनके माध्यम से अपराधी संबंधित व्यक्ति का फोन हैक कर लेते हैं और जरूरी जानकारियां चुरा लेते हैं। ग्वालियर में पांच अधिकारियों को पीएम विकास योजना की एपीके फाइलों के माध्यम से फंसाया गया।
तहसीलदार के खाते से 65 हजार निकाल
- एक तहसीलदार के खाते से 65 हजार रुपये निकाल लिए, चार अधिकारियों के मोबाइल हैक हो गए। अब इनके फोन से हैकर आधिकारिक वाट्सएप ग्रुप में एपीके फाइल डाउनलोड करने के लिए पोस्ट कर रहे हैं।
- प्रशासनिक अधिकारियों के ग्रुप में यह एपीके फाइल पोस्ट हुई तो भितरवार के तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान का मोबाइल हैक हो गया। उनके खाते से 65 हजार रुपये निकाल लिए गए।
- उनके ही मोबाइल से ये एपीके फाइलें दूसरे ग्रुपों में पोस्ट हुईं तो उसमें भी कई लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया। घाटीगांव तहसीलदार दिनेश चौरसिया का मोबाइल रविवार को हैक हो गया।
- इससे पहले बहोड़ापुर तहसीलदार सतेंद्र तोमर का मोबाइल हैक हुआ था। भितरवार के नायब तहसीलदार धीरज परिहार, राजस्व निरीक्षक मुरार हरनाम सिंह सहित अन्य अधिकारियों के मोबाइल हैक हो रहे हैं।
एपीके फाइल से ऐसे होती है ठगी
एपीके फाइल धोखे से इंस्टाल करवा हैकर्स मोबाइल का पूरा नियंत्रण प्राप्त कर लेते हैं। एक बार एपीके डाउनलोड होने के बाद कांटेक्ट, लोकेशन, कैमरा, माइक्रोफोन, एसएमएस, काल लाग्स, गैलरी सहित अन्य एक्सेस मांगता है। लोग धोखे से पूरी पहुंच (एक्सेस) दे देते हैं और मोबाइल हैक हो जाता है। इसके बाद एसएमएस से लेकर ईमेल तक ठगों की पहुंच हो जाती है। गोपनीय जानकारियां प्राप्त कर अपराधी खातों से रुपये भी निकाल लेते हैं।
सबसे पहले इग्नोर करें भूलकर भी इंस्टाल न करें
यदि आपके वाट्सएप ग्रुप में किसी भी योजना, बैंक या आधार अपडेट के नाम पर कोई एपीके फाइल आती है, तो उसे भूलकर भी डाउनलोड न करें। एपीके फाइल के लिंक पर क्लिक न करें और अपने वाट्सएप में सेटिंग को आटो डाउनलोड पर न रखें। ऐसा न करने पर एपीके फाइल स्वयं ही डाउनलोड हो जाती है। आपके फोन तक अपराधियों की पहुंच हो जाती है।
फर्जी एपीके फाइल का कोई आइकन नहीं होता, अलग पहचान नहीं होती। उन्हें ढूंढकर अन-इंस्टाल करना मुश्किल हो जाता है। हैकर्स इन्हें अलग-अलग योजना, बैंक और आधार अपडेट के बहाने भेजते हैं। एक बार लिंक पर क्लिक करने के बाद फोन में फाइल डाउनलोड होनी शुरू हो जाती है। इससे फोन हैक हो जाता है। अनजान लोगों, स्रोतों से मिली लिंक से बचें।