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Lok Sabha Chunav 2024: इंदौर में किराये के एक कमरे में संवर रहा बचपन, जनप्रतिनिधि भी उदासीन

HIGHLIGHTS

  1. 800 से अधिक आंगनवाड़ी किराये के भवन में चल रही हैं।
  2. हर साल 25 से 30 आंगनवाड़ी तैयार कर पा रहे हैं।
  3. इंदौर जिले में ऐसी भी आंगनवाड़ियां हैं, जो आदर्श हैं।

Lok Sabha Chunav 2024: इंदौर। महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिले में 1839 आंगनवाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से 200 से अधिक आंगनवाड़ी एक कमरे में ही संचालित हो रही हैं। यहां पर एक कमरे में बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा, खेल गतिविधि, थर्ड मील आदि दिया जा रहा है। इसके साथ कार्यालयीन कार्य भी इसी कमरे में होता है।

वहीं जिले में ऐसी कई आंगनवाड़ी हैं, जहां प्ले जोन से लेकर अन्य सुविधाएं तक हैं। 800 से अधिक आंगनवाड़ी किराये के भवन में चल रही हैं। इन्हें विभाग खुद का भवन देने में तो नाकाम है ही, जनप्रतिनिधि भी इसे लेकर आगे नहीं आते हैं। लिहाजा कहीं बेहतर सुविधाएं तो कहीं खानापूर्ति की जा रही है।

 

जिले में कुल 1839 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें से विभागीय और अन्य शासकीय भवनों में 993 केंद्र चल रहे हैं। 846 आंगनवाड़ी निजी भवन में संचालित हो रही हैं। लंबे समय से इन आंगनवाड़ियों को खुद के भवन की आस है, लेकिन सघन बस्तियों में अधिकांश आंगनवाड़ी एक कमरे में चल रही हैं।

महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आरएन बुधोलिया ने बताया कि किराये के भवन में चल रही आंगनवाड़ियों को खुद के भवन के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। एक आंगनवाड़ी भवन को तैयार करने में 12 से 13 लाख रुपये का खर्च आता है। बजट के अभाव में हर साल 25 से 30 आंगनवाड़ी तैयार कर पा रहे हैं।

प्रयास किया जाता है कि आंगनवाड़ी की खुद की इमारत हो। इसके बाद प्रायमरी स्कूल, पंचायत या फिर सामुदायिक भवन को चुना जाता है। यह व्यवस्था भी नहीं मिलने पर निजी भवन किराये से लिए जाते हैं। इसके लिए शहरी क्षेत्र में तीन हजार रुपये प्रतिमाह और ग्रामीण क्षेत्र के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह तय किया गया है।

200 आंगनवाड़ी एक कमरे में हो रही संचालित

 

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर जिले में 150 से 200 आंगनवाड़ी ऐसी हैं, जो एक कमरे में संचालित हो रही हैं। इन आंगनवाड़ियों में एक ही कमरे में कार्यालयीन कार्य, बच्चों की शिक्षा और खेल गतिविधि आयोजित की जाती है।

 

आंगनवाड़ी के लिए कम से कम दो भवन होना चाहिए। वहीं जिले में ऐसी भी आंगनवाड़ियां हैं, जो आदर्श हैं। यहां पर प्ले जोन, गार्डन, ड्रेस कोड, बेंच आदि की सुविधाएं हैं। इनमें से अधिकांश आंगनवाड़ी को अलग-अलग ट्रस्ट द्वारा गोद लिया गया है।

दो साल पहले शुरू हुआ था अभियान

 

31 मई 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के लोधीपुरा इलाके में आंगनवाड़ियों को गोद लेने की अपील की थी। इस दौरान उन्होंने बच्चों के लिए खिलौने, किताबें, अनाज और नकद दान के रूप में जनता से समर्थन मांगा था। इसके बाद सार्वजनिक दान के रूप में करीब 6.5 करोड़ रुपये मिले थे।

काफी समय तक यह राशि रेडक्रास में रही। इसके बाद विभाग को मिली। विभाग ने आलीराजपुर और झाबुआ जिले की आंगनवाड़ियों के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपये जारी किए। बुधोलिया ने बताया कि शेष राशि में से करीब 100 आंगवाड़ियों का कायाकल्प किया जा रहा है।

 

 

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