Kuno National Park से फिर आई खुशखबरी, Cheetah निर्वा ने दिया चार शावकों को जन्म

मध्य प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) को एक और बड़ी सफलता मिली है। अब निर्वा चीता (Cheetah Nirvah) ने चार शावकों को जन्म दिया है। जानकारी के मुताबिक मादा चीता ने 22 नवंबर को इन शावकों को जन्म दिया है। हालांकि अभी कूनो प्रबंधन (Kuno National Park) की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

HIGHLIGHTS

  1. कूनो पार्क प्रबंधन मादा चीता पर रख रहा है लगातार नजर।
  2. पीएम द्वारा शुरू किए गए प्राजेक्ट को बड़ी सफलता मिली।
  3. अभी कूनो नेशनल पार्क में 24 चीते हैं, इनमें से 12 शावक।

श्योपुर(Kuno National Park)। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब चीता निर्वा ने चार शावकों को जन्म दिया है। 22 नवंबर को निर्वा ने इन्हें जन्म दिया है। उधर इस मामले में अभी को आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसका पुष्टि भी हो जाएगी।

चीता प्रोजेक्ट के लिए बड़ी सफलता

निर्वा चीता को 2022 में साउथ अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया था। मई 2023 में इसे पहली बार खुले जंगल में छोड़ा गया था। इसके पहले निर्वा को बाड़े में ही दूसरे चीतों के साथ रखा गया था। निर्वा द्वारा शावकों के जन्म दिए जाने के बाद से चीता प्रोजेक्ट को एक बड़ी सफलता मिली है।

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गर्भवती थी निर्वा

मादा चीता निर्वा के पिछले दिनों गर्भवती होने की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद से पार्क प्रबंधन ने इस पर निगरानी बढ़ा दी थी। कूनो नेशनल पार्क में 24 चीते हैं, इनमें 12 शावक हैं, जिनका जन्म यहीं हुआ है।

गर्भवती नहीं थी वीरा

वीरा चीता के भी गर्भवती होने की सूचना सामने आई थी। इसके बाद से उस पर भी निगरानी जा रही थी। लेकिन बाद में सामने आया है कि हार्मोनल बदलाव की वजह से वीरा का पेट बढ़ रहा था।

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कूनो बना चीतों का ब्रीडिंग सेंटर

देश में सबसे पहले मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीते लाए गए। इसके बाद से यहां लगातार हो रहे चीतों के जन्म के बाद यह ब्रीडिंग सेंटर बन गया है। अब धीरे-धीरे देश में चीतों की संख्या बढ़ते जा रही है।

मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य में भी चीते लाने की तैयारी

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में विदेश से चीतों को लाकर बसाने के प्रोजेक्ट को मिल रही सफलता के बाद अब मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य में भी इन्हें लाने की तैयारी है। अब यहां भी चीतों को लाकर बसाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए टीम यहां निरीक्षण भी कर चुकी है।

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