कैमरून में खांसी की दवा पर विवाद रैपर के आधार पर इंदौर की दवा फैक्ट्री में जांच
लोकेश सोलंकी, इंदौर। दवा फैक्ट्रियों में जांच के लिए गुरुवार को दिल्ली से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधिकारियों का दल इंदौर आया। अधिकारियों ने सांवेर रोड की दवा फैक्ट्री से खांसी की दवा (कफ सिरप) के सैंपल लिए। साथ ही दस्तावेजों व निर्यात का रिकार्ड भी तलब किया। मध्य अफ्रीकी देश कैमरून में खांसी की दवा से बच्चों की मौत के समाचारों के बाद दिल्ली से टीम इंदौर पहुंची थी।
खांसी की एक दवा नेचर कोल्ड के रैपर के आधार पर दिल्ली की टीम ने इंदौर में जांच की। बीते महीने कैमरून में खांसी की दवा देने के बाद 12 बच्चों की मौत की बात सामने आई थी। इसके बाद कैमरून और अन्य अफ्रीकी देशों ने खांसी की दवा नेचर कोल्ड को प्रतिबंधित कर दिया था। कैमरून में अधिकारियों ने दवा के रैपर जारी किए थे, जिस पर ब्रिटेन की एक मार्केटिंग कंपनी फारकेन का लेबल लगा था।
दवा के भारत से बनवाकर अवैध रूप से कैमरून में आपूर्ति करने की शंका जाहिर की गई थी। इंदौर की दवा कंपनियां भी बीते दौर में इस कंपनी के लिए दवा निर्माण कर चुकी हैं। इस आधार पर बुधवार को पहले सांवेर रोड क्षेत्र की दवा फैक्ट्रियों में भोपाल से खाद्य औषधि प्रशासन की टीमें जांच के लिए पहुंचीं। इसके बाद गुरुवार सुबह से केंद्र की टीमों ने जांच की।
राज्यों से अधिकार छीनने की तैयारी
भारतीय दवाओं को लेकर अफ्रीकी देशों में लगातार हो रहे विवादों के बाद केंद्र सरकार सख्ती के साथ नियमों में बदलाव की तैयारी में जुटी है। दवा उद्योग के सूत्रों के अनुसार औषधि निर्माण की अनुमति का अधिकार राज्य के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) से छीनने की तैयारी चल रही है। जल्द ही दवा निर्माण की अनुमति सिर्फ सीडीएससीओ से ही जारी होगी। अभी सिरप, टेबलेट जैसी दवाओं के निर्माण की अनुमति राज्य एफडीए जारी कर सकता है। सलाइन और ज्यादा मात्रा वाली विशेष दवाओं के लिए केंद्र की अनुमति की अनिवार्यता लागू होती है।
अवैध आपूर्ति का शक
कैमरून में मप्र और इंदौर से किसी भी निर्माता ने दवा का निर्यात नहीं की। वहां किसी तीसरे देश से अवैध आपूर्ति का शक है। रैपर और नाम के आधार पर इंदौर में व अन्य शहरों में भी केंद्र के अधिकारी पहुंचे हैं। प्रदेश का दवा उद्योग मानकों का सख्ती से पालन कर रहा है। भारतीय दवा उद्योग को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र का शक भी जताया जा रहा है। देश की एजेंसियों ने इसी के कारण पहले से ही एहतियातन जांच शुरू कर दी है। सैंपल रिपोर्ट आने पर जल्द ही सब स्पष्ट हो जाएगा।