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आदित्य एल-1 और चंद्रयान-3 के बाद अब इसरो का निया मिशन XPoSat, पढ़ें क्या है ये

HIGHLIGHTS

  1. इसरो के आदित्य एल 1 सफल लांचिंग।
  2. चंद्रमा और सूर्य के बाद अब इसरो का नया मिशन।
  3. XPoSat से खगोल विज्ञान के बारे मिलेगी नई जानकारियां।

XPoSat ISRO New Mission: बेंगलुरु। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और शनिवार को आदित्य एल 1 मिशन की सफल लांचिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) अब अपने नए मिशन एक्सपोसेट (XPoSat) की तैयारी में जुट गया है। आखिर इसरो का XPoSat मिशन क्या है? पढ़‍िए यहां…

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में लगातार मकायाबी पा रहा इसरो का नया मिशन एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह XPoSat है। इसरो का यह पहला पोलारिमेट्री मिशन है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसरो राकेट के जरिए धरती की निचली कक्षा में दो पेलोड भेजने की तैयारी में है। इसमें पहले पेलोड में एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण(POLIX ) फोटान्स की मीडियम एक्स-रे एनर्जी रेंज के अंदर पाजिराइजेशन की डिग्री और एंगल मापेगा।

इसरो द्वारा भेजा जाने वाला दूसरा पेलोड एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग (XSPECT ) 0.8-1.5केवी की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जांचेगा। इसके साथ ही यह पेलोड न्यूट्रान स्टार, ब्लैकहोल, एक्स-रे पल्सर, एजीएन और एलएमएक्सबी स्त्रोतों की भी जांच करेगा।

इसरो XPoSat लांचिंग के लिए है तैयार

इसरो के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार XPoSat लांचिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। न्यूट्रान स्टार और ब्लैकहोल कैसे उत्पन्न होते हैं, इसे समझना बड़ा चुनौतीपूर्ण है। इसरो का एक्सपोसेट मिशन भारतीय खगोल वैज्ञानिकों को अंतरिक्षण से जुड़ी कई अहम जानकारियां देगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) की माने तो पांच साल के इस मिशन में 40 उज्ज्वल खगोलीय स्त्रोतों की जांच की जा सकती है। इसरो द्वारा पोलारिमेट्री माप के लिए मीडियम एक्स-रे एनर्जी बैंड में पहला पेलोड है। XPoSat पर टाइमिंग पेलोड और एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी है, इसके द्वारा अच्छा स्पेक्ट्रोस्कोपिक रिजोल्यूशन मिल सकता है।

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