माघ पूर्णिमा को इसलिए कहते हैं बत्तीसी पूर्णिमा, पितरों के श्राद्ध और दान का विशेष फल
माघ स्नान पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक किया जाता है। माघ मास की पूर्णिमा दान को लेकर एक विशेष बात प्रचलित है। दरअसल हर पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान का फल होता है। लेकिन माघ मास की पूर्णिमा के दिन कह जाता है कि स्वंय भगवान विष्णु गंगा के जल में निवास करते हैं और सभी देव इस दिन प्रयाग में स्नान के लिए आते हैं। इसके अलावा इस दिन जो दान पुण्य किया जाता है, उसका बत्तीस गुना फल इंसान को मिलता है। इसलिए इस पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं। प्रयाग में पूरा माघ मास में कल्पवास करके त्रिवेश स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है। इस बार माघ मास की पूर्णिमा तिथि 5 फरवरी 2023 दिन रविवार को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु और चंद्रदेव को समर्पित की जाती है।
इस दिन निर्धनों को वस्त्र, तिल, कंबल, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न, पादुका दान करना चाहिए और गरीबों को भोजन कराना चाहिए। इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब ब्राह्मण को दान करने का विशेष फल है।
माघ माह पूर्णिमा डेट- 5 फरवरी, 2023
मुहूर्त-
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – फरवरी 04, 2023 को 09:44 पी एम बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त – फरवरी 06, 2023 को 12:13 ए एम बजे