केमिकल हेयर स्ट्रेटनर के इस्तेमाल से महिलाओं को यूटरिन कैंसर का जोखिम
अमेरिका में दुर्लभ और खतरनाक यूटरिन कैंसर (गर्भाशय कैंसर) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 साल पहले जहां 39 हजार केस आते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 66 हजार पर पहुंच गया है। इसमें अश्वेत मरीजों की संख्या ज्यादा है। अब हाल ही में जर्नल ऑफ द नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिसर्च के मुताबिक, जो महिलाएं नियमित रूप से केमिकल हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करती हैं, उनमें इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
अमेरिका में दुर्लभ और खतरनाक यूटरिन कैंसर (गर्भाशय कैंसर) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 साल पहले जहां 39 हजार केस आते थे, वहीं अब यह आंकड़ा 66 हजार पर पहुंच गया है। इसमें अश्वेत मरीजों की संख्या ज्यादा है। अब हाल ही में जर्नल ऑफ द नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिसर्च के मुताबिक, जो महिलाएं नियमित रूप से केमिकल हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करती हैं, उनमें इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
रिसर्चर्स के अनुसार, जिन लोगों ने कभी कोई हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट यूज नहीं किया, 70 साल की उम्र में उन्हें यूटरिन कैंसर होने का खतरा 1.64% था। वहीं जो लोग ऐसे प्रोडक्ट्स यूज करते रहते हैं, उनमें यूटरिन कैंसर का जोखिम 4.05% था। बालों को कलर करने वाली डाई से कैंसर का कोई संबंध नहीं पाया गया।