फिल्म शोले की एक गीत थी… ये दोस्ती, हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ नहीं छोड़ेंगे… इसी बात को चरितार्थ किया है रामगढ़ जिला के कुंदरुकला गांव के दो दोस्त ने. ऐसी पक्की दोस्ती कि हर वक्त साथ दिखते हैं. दोनों की यारी ऐसी है कि पंचायत चुनाव में भी इसका असर दिखा. एक ने जिला परिषद चुनाव में जीत हासिल की, तो दूसरा मुखिया पद में काबिज हुए.
रामगढ़ भाग नौ से जिला परिषद उम्मीदवार धनेश्वर महतो उर्फ डीएम ने भारी मतों से जीत हासिल की है. वहीं, कुंदरुकला पंचायत से किशुन राम मुंडा ने भी जीत दर्ज की है. जब दोनों एक साथ जीते, तो इनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लोगों ने भी इन्हें फूल-माला से लाद दिया. वहीं, अबीर गुलाल से सराबोर कर दिया.
बता दें कि धनेश्वर महतो और किशुन राम मुंडा की प्रगाढ़ दोस्ती पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. दोनों समाजसेवा में भी साथ-साथ कार्य करते हैं. क्षेत्र के अलावा कहीं भी जाना हो, तो दोनों साथ-साथ जाते हैं. दोनों मिलकर क्षेत्र के लोगों की सेवा भी बढ़-चढ़ कर करते हैं. जिसका परिणाम है कि क्षेत्र की जनता ने दोनों दोस्तों को विजयी बनाया.
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही ये दोनों दोस्त चुनावी मैदान में उतरने को ठानी. धनेश्वर ने जिला परिषद पद को चुना, तो किशुन ने मुखिया पद को चुना. इस बीच दोनों ने क्षेत्र में जमकर चुनाव प्रचार भी किया. 24 मई को हुए मतदान के समय से ही दोनों की जीत तय मानी जा रही थी. 31 मई को जैसे ही चुनाव परिणाम सामने आया, वैसे दोनों प्रत्याशी एवं ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गयी.
इस संदर्भ में नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य धनेश्वर महतो उर्फ डीएम ने कहा कि यह जीत जनता की जीत है. वे हमेशा लोगों के सुख-दु:ख में खड़ा रहेंगे. वहीं, नवनिर्वाचित मुखिया किशुन राम मुंडा ने कहा कि पंचायत वासियों ने भरोसा जताया है, एक-एक लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जायेगा.
कुंदरुकला पंचायत के मुखिया उम्मीदवार किशुन राम मुंडा को लगभग 1700 वोट मिला. उन्होंने लगभग एक हजार मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी हीरालाल महतो को पराजित किया. जबकि जिला परिषद उम्मीदवार धनेश्वर महतो उर्फ डीएम को 5476 वोट प्राप्त हुआ. उन्होंने 2411 वोट से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निरंजन बेदिया को हराया.