मधुमेह नियंत्रित करता है वक्रासन, तनाव होगा कम, जानिए इसके और भी ​लाभ

Yog Aasan: वक्रासन को करते समय इन सावधानियों का रखना भी जरूरी है। पेटदर्द में वक्रासन नहीं करना चाहिए। घुटने का दर्द होने पर इस आसन से बचना चाहिए।

बिलासपुर अन्य योगासनों की तरह ही वक्रासन को भी सुबह या शाम के समय खाली पेट करना चाहिए। खाली पेट से आशय यह नहीं होता है कि आपको उस समय भूख लग रही हो और आसन करने बैठ जाएं। ध्यान रखे कि जब भी कोई आसन करें तो खाना खाए हुए चार घटें हो चुके हों। इस अभ्यास से मधुमेह नियंत्रित होता है।

 

योग विशेषज्ञों का कहना है कि वक्रासन के अभ्यास मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है। मोटापा कम करने में सहायक। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। कमर दर्द से निजात दिलाता है। तनाव को कम करता है। पाचन तंत्र के लिए उपयोगी है। फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए सहायक है।

 

गर्दन की दर्द को कम करता है। वक्रासन करने के लिए पहले अपने पांवों को फैलाकर जमीन पर बैठें। दोनों पैरों के बीच में दुरी न हो। बाएं पांव को घुटने से मोड़ें और इसको उठा कर दाएं घुटने के बगल में रखें। रीढ़ सीधी रखें तथा सांस छोड़ते हुए कमर को बाईं ओर मोड़ें।
अब हाथ के कोहनी से बाएं पैर के घुटने को दबाब के साथ अपनी ओर खीचें। पैर को इस तरह से अपनी ओर खींचते हैं कि पेट में दबाब आए। अपने हिसाब से योगासन को मेंटेन करें। सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आएं। यही क्रिया दूसरी ओर से दोहराएं। यह एक चक्र हुआ। इस तरह से चार से पांच चक्र करें।

 

वक्रासन को करते समय इन सावधानियों का रखना भी जरूरी है। पेटदर्द में वक्रासन नहीं करना चाहिए। घुटने का दर्द होने पर इस आसन से बचना चाहिए। ज्यादा कमर दर्द में इसे न करें। कोहनी में दर्द होने पर इससे बचना चाहिए। गर्दन में दर्द होने पर इसको नहीं करना चाहिए।

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