Heart Care: हृदय रोग से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके, स्वस्थ रहेगी जीवन शैली
Heart Care: वर्तमान में हृदय रोग की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में बच्चों को बचपन से ही शारीरिक श्रम की आदत डालनी चाहिए। साथ ही भोजन पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
HIGHLIGHTS
- बच्चे बचपन से ही करें शारीरिक श्रम
- युवाओं में होना चाहिए पैदल चलने की आदत
- भोजन पर भी दें ध्यान
Heart Care इंदौर। वर्तमान में हृदय रोग के रोगी बढ़ते जा रहे हैं। हृदय रोगियों में केवल उम्रदराज लोग ही शामिल नहीं बल्कि युवा और बच्चे भी इसके शिकार होते जा रहे हैं। जनरल फिजिशियन डा महेंद्र झा के अनुसार हृदय संबंधित समस्याओं से बचने के लिए बचपन से ही हमें अपनी आदतों पर ध्यान देना होगा क्योंकि हृदय रोग की कोई एक वजह नहीं है। यह जीवन शैली से जुड़ा रोग भी है और वंशानुगत भी हो सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए बचपन से ही आदत सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को बचपन से ही शारीरिक श्रम करना सिखाएं। उनके खानपान व दिनचर्या को नियंत्रित करें। बच्चों को ब्ल्यू स्क्रीन की लत से दूर रखें और कोई न कोई मैदानी खेल से जोड़ें। युवाओं में भी पैदल चलने की आदत विकसित करना चाहिए।
आहार पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी
आहार ऐसा हो जो स्वाद के साथ पोषण से भी भरपूर हो। यदि परिवार में किसी को भी रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग या ऐसा कोई रोग हो जो वंशानुगत हो सकता हो तो आप पहले ही अपने आहार-विहार का ध्यान रखें। यदि सब सामान्य है तब भी चिकनाई युक्त भोजन संतुलित मात्रा में ही खाएं। आप जितना खा रहे हैं उसके अनुरूप शारीरिक श्रम करें।
महिलाएं प्रयास करें कि घर के अधिकांश कार्य वे खुद करें क्योंकि इससे उनका स्वाभाविक व्यायाम भी होगा। 40 की उम्र के बाद नियमित हेल्थ चेकअप कराते रहें इससे शरीर में यदि कोई व्याधी है तो वह पहले ही पता चल जाएगी। बाजार के भोजन से गुरेज करें खास तौर पर डिब्बाबंद खाद्य व पेय पदार्थ से दूरी बनाएं। कोई भी दवाई चिकित्सकीय परामर्श लिए बिना खाएं भी नहीं और बंद भी न करें। अपनी जीवनशैली सुधारें और यदि धूम्रपान की लत तो उसे त्याग दें। बढ़ता वजन भी रोग की वजह है।
ये है हार्ट अटैक की पहचान
अक्सर देखा गया है कि हार्ट अटैक आने पर दर्द बाएं हाथ या पीठ में भी दर्द होता है। अमूमन छाती के बीच में दर्द होना ही हार्ट अटैक की पहचान है लेकिन बहुत अधिक ठंड होने पर, ज्यादा श्रम करने पर, भोजन के दौरान या तनाव अधिक लेने पर दर्द हाथ और पीठ में भी होने लगता है। कई बार दर्द गर्दन और दाएं हाथ की ओर भी होता है।