Cancer: लक्षणों को न करें नजरअंदाज, खुद का रखे ख्याल तो होगा कैंसर से बचाव
HIGHLIGHTS
- खुद का रखे ख्याल तो कैंसर होगा बचाव
- लाइफस्टाइल और खान-पान को रखें सही
- तंबाकू उत्पादों के कारण कैंसर का खतरा
भोपाल। कैंसर का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ रिपोर्ट किया जा रहा है। कई प्रकार के कैंसर के कारण हर साल करोड़ों की मौत हो जाती है। दुनियाभर में होने वाली हर छह में से एक मौत का कारण कैंसर है। शरीर के कई अंगों में कैंसर कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं। अपने जोखिम कारकों को समझते हुए सभी लोगों को इस घातक रोग से बचाव के लगातार उपाय करते रहना चाहिए। विशेषतौर पर कैंसर के लक्षणों पर ध्यान देते रहना आवश्यक है जिससे सही समय पर स्थिति की पहचान करके इलाज प्राप्त किया जा सके।
गलत लाइफस्टाइल
प्रारंभिक चरणों में रोग के निदान और इलाज से जान बचने की संभावना बढ़ जाती है। लाइफस्टाइल की गड़बड़ी भी कैंसर के बढ़ते प्रमुख कारणों में से एक है। हमारी दिनचर्या की कई आदतें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर कैंसर का कारण बन सकती हैं, इस बारे में सभी लोगों को जानते हुए बचाव के उपाय करते रहना चाहिए। कैंसर के खतरे से बचे रहने के लिए बचाव के उपायों को प्रयोग में लाते रहना बहुत लाभकारी और आवश्यक माना जाता है।
आहार की गड़बड़ी
हम जिस तरह के आहार का सेवन करते हैं, शरीर पर उसका सीधा प्रभाव होता है। कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों को अध्ययनों में कैंसर का खतरा बढ़ाने वाला पाया गया है। रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट जैसे आहार का अधिक सेवन कैंसर के जोखिमों को बढ़ा सकता है। इस प्रकार के चीजों के सेवन से बचाना चाहिए। इसके अलावा अधिक मात्रा में फैट, प्रोटीन, नमक और एडेड शुगर या शुगर ड्रिंक्स के सेवन से भी कैंसर के कारकों के बढ़ने का खतरा रहता है।
तंबाकू उत्पादों के कारण कैंसर का खतरा
तम्बाकू के कारण कैंसर के विकसित होने और मौत का खतरा अधिक होता है। अनुमान के मुताबिक हर साल लगभग 4.50 लाख मौतें तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर से हो जाती हैं। फेफड़ों का कैंसर सबसे तेजी से बढ़ता कैंसर का एक प्रकार है। तंबाकू को इस प्रकार के करीब 80-90 फीसदी मामलों के लिए प्रमुख कारक माना जाता है। तंबाकू सेवन करने से मुंह, गले, अन्नप्रणाली, पेट, अग्न्याशय, किडनी और सर्वाइकल कैंसर हो सकता है।
बढ़ता मोटापा भी बड़ा खतरा
शरीर में फैट का असामान्य रूप से एकत्रित होते रहना कैंसर के उच्च जोखिम कारकों में से एक है। मोटापा ग्रस्त लोगों में कैंसर का जोखिम अन्य की तुलना में अधिक देखा गया है। अन्नप्रणाली, अग्न्याशय, बृहदान्त्र, मलाशय, स्तन, किडनी और पित्ताशय के कैंसर के विकसित होने के लिए मोटापे को एक बड़े कारक के तौर पर माना जाता रहा है।