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Karuna Shukla: ,पूर्व पीएम अटल बिहारी की भतीजी ने 32 वर्ष भाजपा में रहकर इस वजह से छोड़ दिया था पार्टी का साथ

CG Election 2023: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से लेकर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह से अनबन के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।

HIGHLIGHTS

  1. पूर्व पीएम अटल बिहारी की भतीजी ने दी थी बलौदाबाजार को पहचान
  2. पूर्व सीएम रमन सिंह से अनबन के बाद करुणा शुक्‍ला ने छोड़ दी थी पार्टी
  3. भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से लेकर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं करुणा शुक्ला

रायपुर। CG Election 2023: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला पहली बार बलौदाबाजार विधानसभा सीट से विधायक बनी थीं। दिवंगत करुणा शुक्ला, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से लेकर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह से अनबन के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद करुणा ने चुनाव अभियान में बूथ मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाया। इसके कारण वर्ष-2018 के चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। वर्ष 2021 में 70 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के बड़े भाई अवध बिहारी वाजपेयी की बेटी करुणा शुक्ला का जन्म एक अगस्त 1950 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था।

 

जानें करुणा शुक्‍ला का राजनीतिक सफर

 

उनकी शिक्षा भोपाल में हुई थी। भोपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद करुणा ने राजनीति में कदम रखा था। वर्ष-1993 में बलौदाबाजार विधानसभा चुनाव में मनिहार साहू को पराजित कर पहली बार विधायक चुनीं गई। वर्ष-1998 तक उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश में बलौदाबाजार विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया।

इस दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड भी दिया गया। वर्ष-1998 में वे कांग्रेस के गणेश शंकर बाजपेयी के हाथों पराजित हुई। इसके पश्चात वर्ष-2004 के लोकसभा चुनाव में वे जांजगीर-चांपा से विजयी हुई। उन्होंने वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को पराजित किया था।

उनके पति डा माधव प्रसाद शुक्ल ने शासकीय चिकित्सक के रूप में बलौदाबाजार और कसडोल में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दीं। विधायक रहने के दौरान करुणा शुक्ला ने बलौदाबाजार में राज्य परिवहन का डिपो बनवाया था। उनके कार्यकाल में बलौदाबाजार में कई नई सड़कें बनीं। बलौदाबाजार में सिंचाई विभाग में मुख्य कार्यपालन यंत्री का अलग से कार्यालय खोला गया था।

32 वर्ष भाजपा में रहकर छोड़ा साथ

वर्ष-1982 से भाजपा में रहीं करुणा शुक्ला ने वर्ष-2014 में भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। वर्ष- 2018 के विधानसभा चुनाव में वे राजनांदगांव सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ चुनाव भी लड़ी थीं। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले वर्ष-2009 के लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के चरणदास महंत से हार गईं थीं। उस समय प्रदेश में लोकसभा की 11 सीटों में से भाजपा की एकमात्र करुणा ही चुनाव हारी थीं।

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