भारत मंडपम में राजभाषा हीरक जयंती और चौथा अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जारी किए डाक टिकट और सिक्का

गौरतलब है कि भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना के लिए केंद्रीय बजट में 56 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को मजबूत करने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार ने नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पर बल दिया है।

नई दिल्ली में 14-15 सितंबर 2024 भारत मंडपम में हिंदी दिवस के सुअवसर पर आयोजित राजभाषा हीरक जयंती समारोह और चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय भाषा अनुभाग की शुरुआत की।

हिंदी के राजभाषा बनने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इसके अलावा शाह ने ‘राजभाषा भारती’ पत्रिका के हीरक जयंती विशेषांक का लोकार्पण किया। बता दें कि शाह ने राजभाषा गौरव तथा राजभाषा कीर्ति पुरस्कार भी दिए।

पत्रकार प्रेरणा कुमारी ने बताया कि इस अवसर पर गृह मंत्री ने भारतीय भाषा अनुभाग का भी शुभारंभ किया। भारतीय भाषा अनुभाग हिंदी के किसी भी लेख, भाषण या पत्र का देश की सभी भाषाओं में अनुवाद करेगा। भारतीय भाषा अनुभाग राजभाषा विभाग का पूरक अनुभाग बनेगा।

शाह ने कहा कि राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए यह जरूरी है कि हम अपनी सभी स्थानीय भाषाओं को मजबूत करें और राजभाषा का इनके साथ संवाद स्थापित हो। हिंदी और स्थानीय भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं और इसीलिए भारतीय भाषा अनुभाग हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संबंध को मजबूत करेगा।

उन्होंने आगे जानकारी दी कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड ने आज मेडिकल शिक्षा का पूरा पाठ्यक्रम हिंदी में तैयार कर लिया है। अब हिंदी को तकनीक और शोध की भाषा बनाया जाएगा।

हिंदी के राजभाषा सम्मेलन का आयोजन इस मायने में भी विशेष है कि 75 वर्षों में राजभाषा, जनभाषा और संपर्क भाषा के रूप में हिंदी की उत्तरोत्तर प्रगति हुई है।

इस दो दिन के सम्मेलन में गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित इस चतुर्थ अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार, राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा और राज्यसभा संसद सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने भाग लिया।

इन सभी ने हिंदी की प्रगति पर गहन विचार-विमर्श किया। समारोह के दौरान राजभाषा हिंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने वाले सरकारी कार्यालयों और संस्थानों को सम्मानित किया गया।

इसके अलावा हिंदी साहित्य एवं फिल्म निर्माण से जुड़े प्रख्यात कलाकार अनुपम खेर, फिल्म निर्माता-निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी और कवि कुमार विश्वास ने भी इस समारोह में विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया। इस समारोह में शामिल हुई पत्रकार, प्रेरणा कुमारी ने यह सभी जानकारी दी है।

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