आज अहोई अष्टमी पर इतने बजे होंगे तारों के दर्शन, पढ़ें स्याहु की यह व्रत कथा
माताएं अपने बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना से सोमवार को अहोई व्रत रखेंगी। नवविवाहिताएं संतान सुख प्राप्ति की कामना के साथ यह व्रत करती हैं। ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत कहते हैं कि कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी व्रत और पर्व मनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्य अंकित चौधरी बताते हैं कि जिस दिन अष्टमी तिथि संध्या और रात्रि के प्रथम प्रहार तक हो उस दिन अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। अहोई व्रत का पारायण तारोदय होने पर तारों का दर्शन कर किया जाता है। संध्या काल होने पर व्रती माताएं अहोई अष्टमी माता की पूजा कर तारों का दर्शन कर उन्हें जल का अर्घ्य देती हैं तभी व्रत का महत्व पूरा होता है। इस बार सोमवार को सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और संध्याकाल में व्रत पारायण के समय भी अष्टमी तिथि उपस्थिति रहेगी। इसलिए इस दिन व्रत होगा।
एक नजर
दिन में पूजा का समय – सुबह 9:29 बजे अष्टमी तिथि आरंभ होने के बाद
व्रत पारायण – संध्याकाल में तारों के दर्शन करने के बाद