Chandra Dosh Remedies: जीवन में कष्ट देता है चंद्र दोष, निवारण के लिए इन चीजों का जरूर करें दान

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Chandra Dosh Remedies: जीवन में कष्ट देता है चंद्र दोष, निवारण के लिए इन चीजों का जरूर करें दान

Chandra Dosh Remedies। हिंदू ज्योतिष में चंद्रमा का एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है, जिसका जातक के जीवन में विशेष असर होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर रहता है तो वह व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान हो जाता है और कुंडली में चंद्र दोष के कारण कई तरह के कष्ट भी झेलने पड़ते हैं।

एक राशि में सवा दो दिन रहता है चंद्रमा

हिंदू ज्योतिष के मुताबिक, चंद्रमा एक राशि में करीब सवा दिन दिन रहता है। यदि कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत रहती है तो तो व्यक्ति मानसिक स्तर पर काफी मजबूत होता है, लेकिन चंद्रमा यदि कमजोर हो तो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान हो सकता है। ऐसे व्यक्ति भावुकता में आकर गलत फैसले भी ले लेते हैं और फिर भविष्य में पछतावा करते हैं।

स्वास्थ्य भी रहता है खराब

जातक की कुंडली में चंद्र दोष होने पर जातक का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है और व्यक्ति को अक्सर सर्दी-जुकाम के साथ-साथ मनोविकार जैसी परेशानी हो सकती है। चंद्र दोष होने पर व्यक्ति मन से हमेशा परेशान रहता है।

चंद्र दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय

कुंडली में चंद्र दोष दूर करने के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर दूध अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र दोष दूर हो जाता है। इसके अलावा सोमवार को पानी के कुछ मात्रा में दूध मिलाकर स्नान करना चाहिए।

इन चीजों का दान करें

कुंडली में चंद्र दोष दूर करने के लिए सोमवार को चावल, दूध, दही, मिश्री, चांदी, मोती, सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प, सफेद चंदन आदि का जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। इन सभी चीजों का दान शाम के समय पूरी आस्था के साथ करना चाहिए। इसके अलावा सोमवार का व्रत करने से भी चंद्र देवता की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः’ मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

 

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