Health Tips: हार्मोन में बदलाव नहीं, इन 5 कारणों से भी महिलाओं को हो सकता है कंधों में दर्द"/>

Health Tips: हार्मोन में बदलाव नहीं, इन 5 कारणों से भी महिलाओं को हो सकता है कंधों में दर्द

HighLights

  • अनियमित जीवन शैली आजकल कई शारीरिक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है।
  • कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम के दौरान लगातार गर्दन झुकाकर काम करने से कंधों पर दबाव आता है।
  • तनाव का सबसे ज्यादा असर कंधे और गर्दन पर देखा जाता है और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

Health Tips: कामकाजी महिलाओं में आजकल 40 साल की उम्र के बाद कंधों में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है। अक्सर इस दर्द को महिलाओं में हार्मोनल बदलाव से जोड़कर देख लिया जाता है। कुछ हद तक यह सही भी हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ हार्मोन में बदलाव के कारण ही महिलाओं को कंधों में दर्द की समस्या होती है। इसके लिए ये कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

अनियमित व गतिहीन जीवन शैली

अनियमित जीवन शैली आजकल कई शारीरिक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होती है। यदि आप ऑफिस में काम करती हैं तो लंबे समय तक डेस्क पर काम करने से कंधे की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में यदि आप खराब पोस्चर में बैठती है तो ये और ज्यादा नुकसानदायक साबित हो जाता है। कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम के दौरान लगातार गर्दन झुकाकर काम करने से कंधों पर दबाव आता है।

काम का बोझ और तनाव

पुरुषों के तुलना में महिलाओं की शारीरिक संरचना ज्यादा मजबूत नहीं होती है। आजकल महिलाएं भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाती है, जिससे उनका भी तनाव का स्तर काफी ज्यादा होता है। तनाव का सबसे ज्यादा असर कंधे और गर्दन पर देखा जाता है और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

उम्र से संबंधित कारक

महिलाओं को उम्र से संबंधित कारकों के कारण भी कंधे में दर्द का अनुभव हो सकता है। 40 साल के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होने से भी हड्डियां कमजोर होने से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है। कंधे के साथ-साथ घुटनों में दर्द हो सकता है।

महिलाएं ऐसे दूर करें कंधे का दर्द

महिलाओं को कंधे का दर्द दूर करना है तो सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव लाना चाहिए। ज्यादा भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। दर्द को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए और तत्काल किसी एक्सपर्ट को दिखाना चाहिए। इसके अलावा खानपान में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। विटामिन-D और कैल्शियम से भरपूर डायट लेना चाहिए। इसके लिए दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करना चाहिए। वहीं ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए सैल्मन, ट्यूना और सार्डिन जैसी मछलियों का सेवन भी कर सकती है। यदि आप शाकाहारी हैं तो अलसी के बीज, चिया बीज और अखरोट का सेवन कर सकती हैं।

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