हिजाब वाली आतंकी: कश्मीर में महिला ने सीआरपीएफ के बंकर पर फेंका पेट्रोल, वीडियो वायरल
जम्मू-कश्मीरके सोपोर जिले का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हिजाब पहने हुए एक महिला सीआरपीएफ के बंकर पर पेट्रोल बम फेंकती दिख रही है। एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें महिला बैग से पेट्रोल बम निकालकर फेंकती नजर आ रही है। वीडियो में बंकर में लगी आग को बाद में सीआरपीएफ के जवाब बुझाते नजर आते हैं।
कश्मीर पुलिस बोली- महिला की हुई पहचान, जल्द होगी गिरफ्तार
इस घटना से आतंकी गतिविधियों में महिलाओं के भी शामिल होने के सबूत मिलने की बात सामने आई है।इस घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस का बयान भी आया है। पुलिस ने कहा कि बंकर पर बम फेंकने वाली महिला की पहचान हो गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने कहा, ‘कल सोपोर में सीआरपीएफ के बंकर पर बम फेंकने वाली महिला की पहचान हो गई है। उसे जल्दी ही अरेस्ट किया जाएगा।’
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है एक महिला कट्टरपंथी संगठन
जम्मू-कश्मीर में दुख्तरान-ए-मिल्लत नाम का एक एक महिला संगठन भी है, जो कश्मीर में इस्लामी कानून स्थापित करने और जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए जिहाद की वकालत करता है। इसकी स्थापना 1987 में हुई थी, और इसकी लीडर आसिया अंद्राबी है। अंद्राबी व उसकी सहयोगी फहमीदा सोफीसोपोर में हिजाब वाली आतंकी इस समय तिहाड़ जेल में हैं। सीसीटीवी फुटेज वाले वीडियो को फिल्मकार अशोक पंडित ने भी ट्वीट किया है। अशोक पंडित ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, ‘हिजाब के फायदे। आज एक बुर्काधारी महिला ने सोपोर के सीआरपीएफ कैंप में पेट्रोल बम फेंक दिया।’
एक दिन पहले ही मुठभेड़ में मारा गया था न्यूज एजेंसी का संचालक
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही श्रीनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों को मार गिराया था। मारे गए आतंकियों की पहचान पहचान रईस अहमद भट और बिजबेहरा के हिलाल आह राह के रूप में हुई थी। रईस अहमद वैली मीडिया सर्विस नाम से न्यूज एजेंसी चलाता था। वहीं हिलाल सी कैटेगरी का आतंकी था। महिला की ओर से पेट्रोल बम फेंके जाने के बाद हिजाब को लेकर भी बहस तेज हो गई है। हाल ही में कर्नाटक में इसे लेकर विवाद छिड़ गया था, जिस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि स्कूलों एवं कॉलेजों में छात्राओं को यूनिफॉर्म के नियम मानने होंगे और उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत नहीं दी जा सकती।