बिगड़ी जीवनशैली, तंबाकू से हो रहे युवा कैंसर के शिकार
Health News: कैंसर के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ते जा रही है। कैंसर के कई कारण होते हैं। लेकिन सिर और गर्दन कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। लेकिन लोगों में फिर भी जागरूकता देखने को नहीं मिल रही है। शहर में सालाना सैकड़ों लोग इसके कारण अपनी जान गवां रहे हैं। गौरतलब है कि युवाओं में यह बीमारी तेजी से फेल रही है।
20 प्रतशित युवा मरीज सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित है। जो काफी चिंताजनक है। क्योंकि कम उम्र में बूरी आदत जैसे धुम्रपान, तंबाकू, शराब आदि का सेवन करने लगे हैं। साथ ही बिगड़ता हुआ खानपान भी इसका एक कारण है।
शासकीय कैंसर अस्पताल में हर साल करीब 10 हजार मरीज कैंसर के इलाज के लिए आते हैं। इनमें से 40 प्रतिशत मरीज सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित आते हैं। वहीं 150 लोगों की मौत भी कैंसर के कारण हो रही है। यहां हर साल आठ प्रतिशत युवा मरीज बढ़ रहे हैं।
हालाकि कोरोना के बाद से कैंसर के मरीजों की संख्या शासकीय अस्पताल में कम हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक पहले सिर और गर्दन के कैंसर में युवा मरीजों की संख्या कम थी, लेकिन अब बढ़ते जा रही है।
पहली स्टेज में कैंसर को पहचानना जरूरी
कैंसर के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ना चिंताजनक है। खासकर युवाओं की संख्या बढ़ रही है। 15-20 साल पहले 40 साल से अधिक उम्र के मरीज आते थे, लेकिन अब 20-25 साल उम्र के लोगों को कैंसर हो रहा है। युवाओं का नशे के प्रति झुकाव बढ़ रहा है। इसलिए लिए जागरूकत होने की आवश्यकता है। यदि कैंसर को पहली स्टेज में पहचान लिया जाए तो इसका इलाज आसानी से हो जाता है। – डा. रमेश आर्य, शासकीय कैंसर अस्पताल प्रभारी
कैंसर मरीजों में युवाओं की संख्या 20 प्रतिशत
कैंसर के मरीजों में अब युवाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। सिर और गर्दन के कैंसर में 20 प्रतिशत युवा मरीज शामिल है। जो चिंताजनक है। क्योंकि तंबाकू का सेवन बड़ी संख्या में युवा करने लगे हैं। स्वजन को अपने बच्चों को ध्यान देने की आवश्यकता है। हालाकि अब कैंसर के इलाज के आधुनिक मशीने भी आ गई है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। – डा. नयन गुप्ता, ओनको सर्जन
तंबाकू का सेवन मुख्य कारण
सिर और गर्दन के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। लोगों में तंबाकू की आदत के कारण यह कैंसर हो रहा है। हर साल इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। वहीं यदि किसी को इसके लक्षण नजर आते हैं तो इलाज में देरी ना करते हुए, विशेषज्ञों से समय पर इलाज करवाना चाहिए। – डा. आयुष नाईक, असिस्टेंट प्रोफेसर, कैंसर अस्पताल