Ustrasana: कमर दर्द को दूर करने के लिए करें उष्ट्रासन का अभ्यास

बिलासपुर योग में नियमित उष्ट्रासन के अभ्यास करने से कमर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या दूर होती है। साथ ही हड्डी मजबूत होती है। उष्ट्रासन करने के पांच आसान स्टेप्स। जिसे नियमित कर अपने स्वास्थ्य व शरीर को मजबूत कर सकते हैं। उष्ट्रासन योग करने से शरीर में उर्जा का संचार करने के लिए काफी फायदेमंद है। नियमित अभ्यास से शरीर लचीला बनता है और शरीर का चौथा मुख्य चक्र अनाहत खुलता है। इस चक्र को हृदय चक्र भी कहा जाता है। इस अध्यात्मिक चक्र के सक्रिय होते ही व्यक्ति की उर्जा, चेतना, व भावनाओं का विस्तार होता है।

योग विशेषज्ञों का कहना है कि उष्ट्रासन का अभ्यास आपके पूरे शरीर को खोलने में मदद करता है। इससे शरीर के तीन हिस्से यानी कंधे, छाती और कमर बहुत मजबूत बनते हैं। शरीर को लचीला बनाता है। उष्ट्रासन थकान, चिंता आदि को दूर करता है।

फेफड़ों को खोलने में मदद करता है। मासिक धर्म के दर्द से राहत प्रदान करता है। इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटने के सहारे बैठ जाएं। घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और तलवें पूरे फैले हुए आसमान की तरफ रखें। अब रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि इस समय गर्दन पर अत्यधिक दबाव ना पड़े और कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे।

इसी स्थिति में पांच से दस बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं। जिन लोगों को गर्दन में तनाव या चोट की परेशानी है, वे लोग यह योगासन ना करें। लो ब्लड प्रेशर के रोगी भी इस आसन से बचें। अगर घुटनों में दर्द रहता है, तो यह आसन करते हुए सावधानी बरतें और घुटनों के नीचे तकिया लगा सकते हैं। अगर शुरुआत में हाथ तलवों तक नहीं पहुंच पा रहे, तो उन्हें कूल्हों पर भी रख सकते हैं

 

 

 

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