हड्डी में फ्रैक्चर हो तो मालिश न करें, डाक्टर की सलाह लें

Health Tips: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि): अक्सर यह देखने में आता है कि 15 साल के बच्चे खेलकूद या अन्य गतिविधियों के दौरान गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इस कारण उन्हें हाथ व पैर में फैक्चर हो जाता है और कई मामलों में कंधे का जोड़, घुटना या कूल्हे का जोड़ क्षतिग्रस्त हो जाता है। बच्चों में ज्यादातर कोहनी के फ्रैक्चर की घटनाएं होती हैं।

एमवाय अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. जितेंद्र वर्मा का कहना है कि कई बार माता-पिता बच्चों की इस तरह की चोट को सामान्य सूजन मानकर उस पर लेप लगाते हैं और मालिश करते हैं। चोट वाले भाग पर मालिश करना नुकसानदायक होता है। इसके कारण जोड़ में विकृति आने की आशंका रहती है। इससे जोड़ के मूवमेंट भी प्रभावित होते हैं। बच्चों को फ्रैक्चर होने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लेना चाहिए। यदि जल्द उपचार मिले तो टूटी हुई हड्डी के जल्द जुड़ने की संभावना होती है। ज्यादा दिन तक लापरवाही होने पर हड्डी का जोड़ खराब होने की स्थिति में पहुंच जाता है। इसका बाद में उपचार करवाने से पूर्णरूप से फायदा नहीं मिलता है।

नवजात बच्चे को रोज सुबह की धूप में ले जाएं

वर्तमान में चार से पांच साल के बच्चों में विटामिन डी की कमी होने पर रिकेट्स की समस्या देखने को मिलती है। इसमें पैर व हाथ के जोड़ में विकृति दिखाई देती है। इस तरह के मामले बच्चों के हाथ पैर में दर्द बना रहता है और उनकी हाथ व पैरों की लंबाई भी प्रभावित होती है। नवजात बच्चे को किसी की नजर न लगे, यह मानकर लोग नवजातों को घरों के अंदर ही रखते हैं। नवजात बच्चे को हर रोज पांच से दस मिनट सुबह की धूप में ले जाना चाहिए।

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