एक आदिवासी महिला को देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर होने के बाद भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से दूर रखना महिलाओं एवं आदिवासी समाज का अपमान है :- जुनैद हुसैन
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर इस समय पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है जिस पर रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया प्रभारी श्री जुनैद हुसैन ने भी अपने बयान में कहा है के भारतीय जनता पार्टी द्वारा अंग्रेजों से माफिनामा लिखकर पेंशन लेने वाले सावरकर के जन्मदिन (28 मई) पर देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना बहुत से प्रश्न खड़े करता है वहीं दूसरी ओर देश की महामहिम राष्ट्रपति जो के महिला होने के साथ साथ आदिवासी समाज से भी आती हैं .
उन्हें उद्घाटन समारोह से दूर रखना पूरी तरह सर्व आदिवासी समाज सहित देश के लोकतंत्र के इतिहास में भी एक काले अध्याय की तरह होगा , राष्ट्रपति पद की गरिमा का ख्याल रखते हुवे प्रधानमंत्री जी को खुद इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति महोदया से निवेदन कर उनके हाथों से लोकतंत्र के इस मंदिर का उद्घाटन कराया जाना चाहिए था मगर इस तरह देश की प्रथम महिला का अपमान कर के खुद प्रधानमंत्री जी के हाथों उद्घाटन किया जाना देश के आदिवासी समाज का अपमान है, महिलाओं का अपमान है तथा लोकतन्त्र के इतिहास में ये एक काला अध्याय है ,
इस तरह देश की भावनाओं एवं देश की गरिमा से जुड़े हुवे आयोजनों का व्यक्तिगत प्रचार प्रसार तथा श्रेय लेने की राजनीति का हम कड़ा विरोध करते हैं .