आदेश लागू: कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को पेट्रोल भी नहीं…कलेक्टर का आया फैसला
औरंगाबाद: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिला कलेक्टर ने कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. जिले में टीकाकरण कम होने के कारण, जिला कलेक्टर ने जिले में फिर से सख्त पाबंदियां लगा दी हैं. जिलाधिकारी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस संबंध में बड़ा ऐलान किया है. अगर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हैं, तो संबंधित व्यक्ति को मंगलवार से पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा और सरकारी कार्यालय में भी आने नहीं दिया जाएगा.
जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले में टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए, फिर से पाबंदियां लगाई जा रही हैं. औरंगाबाद जिले में कोरोना वैक्सीन का रिव्यू लिया गया, जिसमें 83% लोगों ने ही पहला डोज़ लिया है और दूसरा डोज़ लेने वाले कि संख्या 55% है. जिला कलेक्टर सुनील चौहान ने बताया कि राज्य में 1 मार्च को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था,
जिसमें कहा गया है कि जिस भी जिले में पहला डोज़ 90% से ज्यादा और दूसरा डोज़ 75% से ज्यादा लोगों ने लिया है, उस जिले को ‘A’ कैटेगरी में रखा जाएगा और वहां कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. जिला कलेक्टर ने कहा है कि हम जिले में प्रतिबंधों को खत्म करना चाहते हैं. टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए फिर से पाबंदियां लगाई जा रही हैं.
हम जिले के सभी पेट्रोल पंप पर अनिवार्य कर रहे हैं कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन के दो टीके लगवाए हैं, उनका प्रमाण पत्र देखकर ही उन्हें पेट्रोल और गैस भरवाने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही, जिसे भी सरकारी कार्यालय में काम रहता है, तो वहां पर भी कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट ले जाना जरूरी होगा. बिना कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट के सरकारी कार्यालय में अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
जिला कलेक्टर सुनील चौहान ने कहा है कि पहले ही हम जिले में प्रतिबंधों के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि हम जिले भर में शादियों और होटलों में भी 50% क्षमता के साथ ही काम कर रहे हैं, इसीलिए चाहते हैं कि जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन के टीके लगें और प्रतिबंधों से जिले को आजादी मिले